कोलकाता: बाढ़ के कारण पश्चिम बंगाल में प्रत्येक वर्ष हजारों हेक्टेयर की खेती नष्ट हो जाती है. इससे बचने के लिए राज्य सरकार ने बाढ़ से पूर्व इसकी जानकारी देने के लिए विशेष सिस्टम का विकास करेगी, जिससे बाढ़ के पहले ही राज्य सरकार को पता चल जायेगा और वह संबंधित जिलों को इसकी सूचना दे पायेगी. यह जानकारी गुरुवार को राज्य के सिंचाई मंत्री राजीव बनर्जी ने सीआइआइ की ओर से आयोजित वाटर एक्सपोजिशन 2013 के दौरान कहीं.
इस मौके पर मंत्री ने कहा कि विश्व बैंक की मदद से राज्य सरकार इस सिस्टम को विकसित करेगी. इसके लिए राज्य सरकार द्वारा 20 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.
केंद्रीय जल आयोग से मिलेगी अनुमति
उन्होंने कहा कि इस योजना को बहुत जल्द ही केंद्रीय जल आयोग द्वारा भी अनुमति मिल जायेगी और उसके बाद इस योजना पर कार्य शुरू होगा. यह देश में पहला सिस्टम होगा, जो बाढ़ आने से पहले ही इसकी जानकारी दे देगा. उन्होंने बताया कि राज्य में प्रत्येक वर्ष बाढ़ की वजह से दाजिर्लिंग, मालदा, मुर्शिदाबाद, हुगली, पूर्व मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर सहित अन्य जिलों में प्रत्येक वर्ष हजारों हेक्टेयर की खेत की फसल नष्ट हो जाती है. इस मौके पर केंद्रीय जल आयोग के चेयरमैन अश्विन पांडा, जल संशाधन मंत्री सोमेन कुमार महापात्र सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे.