कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय में आज एक जनहित याचिका दायर कर पश्चिम बंगाल सरकार को आवश्यक कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की गई है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक कुमार गांगुली के खिलाफ लगे आरोप उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रथम दृष्टया सही पाए जाने के मद्देनजर लोगों का आयोग से भरोसा ना उठे.
याचिकाकर्ता ने अदालत से दरख्वास्त की है कि इस मामले के मद्देनजर वह राज्य सरकार को सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए निर्देश दे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि राज्य के लोगों का पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के तटस्थ, निष्पक्ष और संतुलित संस्थान होने से भरोसा ना उठे.
शीर्ष अदालत के तीन न्यायाधीशों की एक समिति ने एक महिला विधि इंटर्न के साथ अवांछित व्यवहार और यौन प्रकृति का आचरण करने के मामले में प्रथम दृष्टया आरोपों को सही पाया. इंटर्न ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. याचिकाकर्ता एवं अधिवक्ता रामप्रसाद सरकार को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया है कि कि मामले से जुड़े सभी दस्तावेज और रिकार्ड इस अदालत के समक्ष पेश किए जाएं.