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गोरखालैंड के लिए हुंकार भरेगा गोजमुमो

नहीं चाहिए छठी अनुसूची, अलग राज्य से ही होगा इलाके का विकास विभिन्न राजनीतिक पार्टियां करेंगी कार्यक्रम दार्जिलिंग : इंडिया अंगेंस्ट करप्शन और आम आदमी पार्टी के बाद जंतर-मंतर पर अलग राज्य के लिए ‘गोरखालैंड’ का मुद्दा भी उठेगा. इसके लिए गोजमुमो प्रतिनिधिमंडल सोमवार को दिल्ली के लिए प्रस्थान करेगा. आगामी 13 दिसंबर से 15 […]

नहीं चाहिए छठी अनुसूची, अलग राज्य से ही होगा इलाके का विकास

विभिन्न राजनीतिक पार्टियां करेंगी कार्यक्रम

दार्जिलिंग : इंडिया अंगेंस्ट करप्शन और आम आदमी पार्टी के बाद जंतर-मंतर पर अलग राज्य के लिए ‘गोरखालैंड’ का मुद्दा भी उठेगा. इसके लिए गोजमुमो प्रतिनिधिमंडल सोमवार को दिल्ली के लिए प्रस्थान करेगा.

आगामी 13 दिसंबर से 15 दिसंबर तक दिल्ली के जंतर-मंतर में गोजमुमो सदस्य अलग राज्य गोरखालैंड की मांग को लेकर रैली व धरना प्रदर्शन सहित विभिन्न आंदोलन करेंगे. यह जानकारी देते हुए गोजमुमो के दार्जिलिंग सदर महकमा समिति के अध्यक्ष दावा लामा ने कहा कि गोजमुमो का जन्म अलग राज्य गोरखालैंड की प्राप्ति के लिए ही हुआ है.

दिल्ली में गोरखालैंड की आवाज उठाने के लिए सोमवार को जीटीए क्षेत्र से करीब 1400 मोरचा समर्थक दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे. इसके अलावा मोरचा की दिल्ली शाखा की ओर से लगभग चार हजार व उत्तर-पूर्वी राज्य से बड़ी संख्या में मोरचा समर्थक धरना-प्रदर्शन करेंगे व रैली में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि दिल्ली में तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा.

मोरचा सुप्रीमो विमल गुरुंग, महासचिव रोशन गिरि समेत कई केंद्रीय प्रतिनिधि दिल्ली जायेंगे. उन्होंने कहा कि पहले दिन 13 दिसंबर को जंतर-मंतर से संसद भवन तक अलग राज्य गोरखालैंड की मांग में विराट रैली निकाली जायेगी. इसके बाद दिल्ली के जंतर-मंतर में धरना प्रदर्शन किया जायेगा. 14 दिसंबर को धरना प्रदर्शन के अलावा अन्य कार्यक्रम किये जायेंगे.

15 दिसंबर को जंतर-मंतर से राजघाट तक गोरखालैंड गठन की मांग में रैली निकाली जायेगी. तीन दिवसीय कार्यक्रम में शामिल रहकर मोरचा सुप्रीमो विमल गुरुंग कोलकाता होकर पहाड़ लौटेंगे. हालांकि इस खबर की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पायी है.

दूसरी ओर दार्जिलिंग के चौक बाजार व अन्य जगहों में जनता के नाम पर पोस्टर लगाया गया है. जिनमें छठीं अनुसूची का घोर विरोध करते हुए मोरचा का लक्ष्य गोरखालैंड उल्लेख किया गया है. साथ ही जीटीए चीफ पद पर विमल गुरुंग को बैठने की अपील की गयी है. दूसरी तरफ भारतीय गोरखा परिसंघ ने भी अलग राज्य गोरखालैंड गठन की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर में धरना प्रदर्शन किये जाने का निर्णय लिया गया है.

भारतीय गोरखा परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर एनोस दास प्रधान ने कहा कि भागोप के कार्यक्रम में देश के 22 राज्यों से समर्थकों की अपार भीड़ उमड़ेगी. तेलंगाना के बारे में पूछे जाने पर एनोस दास प्रधान ने कहा कि तेलंगाना का विषय अलग है. यूपीए सरकार ने तेलंगाना गठन को लेकर जो पहल की है, वह गोरखालैंड समर्थकों के लिए आनंद का विषय है.

बंगाल सरकार तो शुरू से ही गोरखालैंड का विरोधी हैं. उन्होंने कहा कि 18 व 19 दिसंबर को होने जा रहे धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भागोप प्रतिनिधि दल आगामी 16 दिसंबर को दिल्ली के लिए प्रस्थान करेगा. कार्यक्रम पूरा होने के बाद 20 दिसंबर को दिल्ली के नेशनल यूथ हॉस्टल में भागोप की एक बैठक होगी. जिसमें गोरखालैंड गठन की मांग को लेकर भावी रणनीति तैयार किया जायेगा. तेलंगाना मुद्दे पर उन्होंने यह भी कहा कि जिस दिन यूपीए सरकार गोरखालैंड को छोड़ कर तेलंगाना का बिल पारित करेगी, उस दिन हमलोग भी सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर करेंगे.

आगामी 18 व 19 दिसंबर को भागोप द्वारा आयोजित कार्यक्रम में क्रांतिकारी मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (क्रामाकपा) की भी हिस्सा लेने की जानकारी संगठन के केंद्रीय सचिव मंडली के सदस्य अरूण घतानी ने दी है. उन्होंने कहा कि क्रामाकपा ऑल इंडिया लेफ्ट को-ऑर्डिनेशन कमेटी का घातक दल होने के नाते कमेटी गोरखालैंड की मांग में देश के राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री तक को ज्ञापन पत्र सौंपने का काम कर चुकी है.

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