कोलकाता: क्रिकेट मैचों पर लगनेवाला सट्टा अब कुछ लोगों के लिए आसानी से पैसा कमाने का माध्यम बनता जा रहा है. कोलकाता भी इससे अछूता नहीं है. विगत कई वर्षों में क्रिकेट के सट्टे ने कोलकाता के दर्जनों लोगों को करोड़पति तक बना दिया.
कुछ लोग अवैध रूप से सट्टा चला कर काला धन जमा करने में सफल हो रहे हैं. महानगर के बड़ाबाजार अंचल के कुछ युवा इस अवैध धंधे की चपेट में आकर सॉल्टलेक व बागुईहाटी में हवेली भी बना चुके हैं. किक्रेट पर सट्टा खेलानेवालों को अक्सर पुलिस का डर सताता रहता है. हालांकि इन दिनों ऑनलाइट सट्टा जोरों पर है. ऑनलाइन सट्टा में गिरफ्तारी का डर कुछ कम होता है. पहले बड़ाबाजार में डब्बा खोल सट्टा होता था. लेकिन अब यही बड़ाबाजार के सटोरिये सॉल्टलेक, हावड़ा, बागुईहाटी जैसे क्षेत्रों में अपना अवैध कारोबार फैला चुके हैं. इनका कोई ऑफिस नहीं होता. सॉल्टलेक या हावड़ा, काकुड़गाछी, लेकटाउन के किसी ब्लॉक में एक फ्लैट खरीद वहां से यह धंधा चल रहे हैं.
दिन में मंदिरों का चक्कर, रात को चलाते हैं
ऑनलाइन सट्टा
क्रिकेट का सट्टा खेलानेवालों का दोहरा चरित्र देखने को मिलता है. वे अपना नाम गुप्त रख सट्टा चलाते हैं या अपने नाम के टाइटिल का इस्तेमाल करते हैं. दिन में ये लोग बड़ाबाजार के विभिन्न मंदिरों में घूम-घूम कर देवी-देवाताओं की मूर्तियों के दर्शन करते एवं लोगों का हालचाल पूछते तथा भाईजी-भाईजी करते हुए हालचाल पूछते हैं और अपना का अहसास कराते हैं. अर्थात् दिन का चेहरा कुछ और, रात का चेहरा कुछ और. क्रिकेट मैच के दौरान इन लोगों को खेल शुरू होने से लेकर खत्म होने तक अपने किसी गुप्त स्थान से सट्टा चलाते देखा जाता है.
बार बालाओं के पैरों की धुल बन जाती हैं लक्ष्मी
क्रिकेट नहीं होने पर इस सटोरियों का जमावड़ा शाम को महानगर व वीआइपी के विभिन्न बारों में होता है. इस समय इन्हें बार बालाओं पर पैसे उड़ाते देखे जाते हैं. सट्टा से आनेवाली लक्ष्मी शाम को बार बालाओं के नृत्य के दौरान उनके पैरों की धुली बन जाते हैं. लाखों के रूप में बार बालाओं पर पैसा उड़ाया जाता है. पैसा उड़ाने को लेकर बार में आपसी प्रतियोगिता देखने को मिलती है. पहले तो बार बालाओं के हाथ में ये लोग पैसा देते थे, लेकिन आज कल दस से लेकर पांच सौ रुपये की गड्डियां बार बालाओं पर उड़ाने का प्रचलन जोरों पर है.
ऑनलाइन सट्टे पर नजर रखेगी पुलिस
ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा के विषय में पूछे जाने पर कोलकाता पुलिस के गुप्तचर विभाग के कुछ अधिकारियों ने बताया कि कोलकाता पुलिस ऑनलाइन सट्टे पर नजर रख रही हैं. साथ ही एसटीएफ ने भी इस सट्टे पर नकेल कसने की योजना बनायी है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक समय-समय पर कोलकाता पुलिस अभियान चला कर सटोरियों को गिरफ्तार भी करती है. अब तक दर्जनों लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक कोलकाता में मोहता कोलकाता, डागा किंगस्टन, टाइगर, दम्मानी, मूंधड़ा, मुस्सदी जैसे नाम हैं, जो क्रिकेट के सट्टा के साथ वर्षो से जुड़े हुए हैं. इसके अलावा प्रभात खबर की ओर से की गयी जांच-पड़ताल में दर्जनों और सटोरियों के नाम अर्थात् सामने आये हैं. वे जिस टाइटिल से अपना यह धंधा चलाते हैं, वे हैं : जूनियर, ए कलकत्ता, गोयनका, एन-एन, जूनियर, चोपड़ा डलहौसी, पी बागुईहाटी, मारू, लाली, बल्लभ, केडिया, नागोरी, धारीवाल, तुल्सयान, नागा जैसे कोड नाम से यह सटोरी काम करते हैं. इनमें से एक या दो ऐसे हैं, जो संपूर्ण कोलकाता में यह धंधा चलाते हैं. पूरे कोलकाता के सट्टा बाजार पर इनका वर्चस्व है. कईयों के पास महानगर के बड़े आवासीय परियोजनाओं में दो से तीन आलिशान फ्लैट हैं. तो कोई सट्टा के साथ-साथ प्रमोटिंग भी करता है. तो कईयों ने दूसरे महानगर में भी फ्लैट खरीद रखा है. लेकिन वे अपनी संपत्ति अपने नाम पर नहीं रख, अपने किसी रिस्तेदार अथवा दोस्त के नाम पर रखते हैं.
बड़ाबाजार में होता है सेटलिंग
क्रिकेट के सट्टा में सटोरिये व सट्टेबाजों के बीच होनेवाली लेन-देन को सेटलिंग कहा जाता है. यह लेने देन का कोड नाम है. और यह सेटलिंग बड़ाबाजार में होता हैं. शाम होते ही बड़ाबाजार के विभिन्न अड्डों पर यह सटोरी जमा होते हैं एवं सेटलिंग करते हैं. पुलिस द्वारा फोन टैपिंग से बचने के लिए सटोरिये अपने को अधिक सुरक्षित करने के लिए अब मोबाइल में कम बात कर गुप्त रूप से वाट्सअप में अधिक से अधिक बात करते हैं. दूसरे दिन वाट्सअप से किये गये मैसेज को डिलीट कर दिया जाता है.