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सारधा मामला: विपक्ष ने कहा- सीबीआइ जांच हो

सारधा मामले पर तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष के बयान को लेकर विपक्ष ने अब हमलावर तेवर अपनाया है. प्रदेश कांग्रेस की ओर से सीबीआइ से मामले की जांच कराने की मांग लेकर राज्यपाल से मिलने की तैयारी हो रही है, तो दूसरी ओर वाम मोरचा के नेताओं ने भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी […]

सारधा मामले पर तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष के बयान को लेकर विपक्ष ने अब हमलावर तेवर अपनाया है. प्रदेश कांग्रेस की ओर से सीबीआइ से मामले की जांच कराने की मांग लेकर राज्यपाल से मिलने की तैयारी हो रही है, तो दूसरी ओर वाम मोरचा के नेताओं ने भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सारधा मामले में लिप्तता की जांच कराने की मांग की है.

कोलकाता: विधानसभा में विपक्ष के नेता डॉ सूर्यकांत मिश्र ने सारधा मामले में तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष के आरोपों पर कहा कि चिटफंड मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, संबंधित मंत्रियों व सांसदों से पूछताछ होनी चाहिए. विधानसभा में संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि वह बहुत पहले से सारधा चिटफंड मामले की सीबीआइ जांच की मांग कर रहे हैं. सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में यह जांच होनी चाहिए. इस बाबत वह राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और कॉरपोरेट मामलों के मंत्री से मिल चुके हैं.

श्री मिश्र ने कहा कि उनकी पार्टी अब तक जो बात कह रही थी, कुणाल घोष के आरोपों से उसकी पुष्टि हुई है. उन्होंने कहा कि सारधा मामले में कुणाल घोष ने जिन-जिन लोगों, मंत्री-संतरी व सांसदों का नाम लिया है, उनसे पूछताछ होनी चाहिए. आरोपियों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए. कानून सभी के लिए समान है. कानून अलग-अलग नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लगातार सीबीआइ जांच से इनकार कर रही है. वह इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है. यदि मुख्यमंत्री इस मामले में शामिल नहीं हैं, तो फिर सीबीआइ से भयभीत क्यों हो रही हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या वह मुख्यमंत्री से त्यागपत्र की मांग कर रहे हैं, डॉ मिश्र ने कहा कि हम इस्तीफे की मांग नहीं कर रहे हैं, लेकिन आशंकित हैं कि सुश्री बनर्जी खुद ही मुख्यमंत्री पद छोड़ कर नहीं चली जायें. राज्य की जनता ने उन्हें पांच वर्षो के लिए निर्वाचित किया है.

राज्यपाल से मिलेंगे कांग्रेस नेता
कांग्रेस ने चिटफंड मामले में मुख्यमंत्री ममता बजर्नी से इस्तीफे की मांग की है. साथ ही पार्टी नेता इस मामले में राज्यपाल एमके नारायणन मिलेंगे. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रो प्रदीप भट्टाचार्य ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी सारधा मामले में लगातार सीबीआइ जांच की मांग कर रही है. यह मामला सिर्फ पश्चिम बंगाल तक सीमित नहीं है. इसके तार अन्य राज्यों से भी जुड़े हैं. तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष के बयान से यह साफ हो गया है कि इस मामले की जानकारी मुख्यमंत्री सहित तृणमूल के वरिष्ठ नेताओं को थी. उन्होंने इसका फायदा उठाया है.

श्री भट्टाचार्य ने कहा कि वह इस मामले में राज्यपाल से मिलकर उनसे हस्तक्षेप की मांग करेंगे. दूसरी ओर, कांग्रेस विधायकों ने बुधवार को विधानसभा परिसर में प्रदर्शन किया और कुणाल घोष के बयान के संबंध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की. कांग्रेस विधायक मनोज चक्रवर्ती ने कहा कि कुणाल घोष के बयान के बाद मुख्यमंत्री को अब एक क्षण भी मुख्यमंत्री पद पर नहीं रहना चाहिए. राज्य सरकार पूरे मामले की जांच सीबीआइ से कराये.

शुभेंदू ने कुणाल व चैनल को मानहानि मामले की दी चेतावनी
सारधा चिटफंड मामले में तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष के आरोपों को पार्टी सांसद शुभेंदू अधिकारी ने झूठा और राजनीति से प्रेरित बताया है. अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देने के लिए बुलाये गये संवाददाता सम्मेलन में अधिकारी ने कुणाल के आरोपों को बेबुनियाद और छवि खराब करने वाला बताया. तृणमूल सांसद अधिकारी ने सारधा घोटाले में गिरफ्तार कुणाल के खिलाफ कांथी थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. साथ ही कुणाल के घर पर कानूनी नोटिस भी भेजा है. जिसमें कहा गया है कि यदि सात दिनों के भीतर आरोपों पर माफी नहीं मांगी गयी तो उनके ( कुणाल) खिलाफ मानहानि का मामला किया जायेगा. इसके अलावा कुणाल के रिकॉर्डेड बयान का प्रसारण करने के लिए माफी न मांगने की सूरत में समाचार चैनल ‘24 घंटा’ के खिलाफ भी 100 करोड़ रुपये की मानहानि का मामला करने की शुभेंदू ने धमकी दी है. शुभेंदू अधिकारी ने कहा कि झूठा आरोप लगाने पर भी सजा का प्रावधान है. उनका कहना था कि कुणाल उन्हें नापसंद करते हैं. मैं (शुभेंदू) भी उनसे घृणा करता हूं.

उनका आरोप था कि कुणाल घोष ने एक समाचार पत्र में नौकरी की खातिर स्नातक का फरजी मार्कशीट जमा किया था. जिसके लिए उन्हें निलंबित कर दिया गया था.

कुणाल हमेशा से ही धोखा देते रहे हैं. लोकसभा चुनाव में भी हर जगह भले ही चुनावी समीक्षा के दौरान तृणमूल उम्मीदवारों को वह आगे दिखाते रहे हों, लेकिन उन्हें (अधिकारी) वह माकपा उम्मीदवार लक्ष्मण सेठ से पीछे बता रहे थे. नंदीग्राम कांड के दौरान भी सलीम समूह की ओर से उन्होंने उन्हें फोन किया था. एक सभा के दौरान भी उनके हाथ से कुणाल ने माइक छीन ली थी. 21 जुलाई 2011 से वह कुणाल घोष से बात भी नहीं करते. चिटफंड मामले में नाम आने के बाद उन्होंने संसद में कुणाल से कहा था कि उन्हें अपने पद से हट जाना चाहिए. चिटफंड के खिलाफ वह (शुभेंदू) हमेशा से ही रहें. उन्होंने हमेशा ही लोगों को चिटफंड में पैसा न लगाने की सलाह दी थी. कुणाल घोष को ‘चीटर’ करार देते हुए अधिकारी का यह भी कहना था कि उनके आरोपों के पीछे कोई राजनीतिक दल है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर के बड़े पत्रकारों का वेतन 16 लाख रुपये नहीं होता, ऐसे में कुणाल को उतना वेतन व अन्य सुविधाएं कैसे मिल गयी. हालांकि इस संवाददाता सम्मेलन में कई प्रश्न अनुत्तरित रह गये. शुभेंदू अधिकारी ने इसका जवाब नहीं दिया कि कुणाल की असलियत को वह पहले जनता के सामने क्यों नहीं लाये. या पार्टी स्तर पर इसे क्यों नहीं उठाया गया था.

गौरतलब है कि न्यूज चैनल 24 घंटा पर मंगलवार को प्रसारित अपने रिकॉर्डेड बयान में कुणाल ने तृणमूल सांसद शुभेंदू अधिकारी पर सारधा प्रमुख सुदीप्त सेन से कांथी परियोजना के लिए साढ़े तीन करोड़ रुपये लेने का आरोप गया था. इसके अलावा उन्होंने सारधा चिटफंड मामले में तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं का नाम लिया था. कुणाल का कहना था कि सारधा मामले में तृणमूल महासचिव मुकुल राय, कारोबारी आसिफ खान, एस चक्रवर्ती, सोमेन बोस, पूर्व सांसद टुटु बोस, तृणमूल सांसद सृंजय बोस, सौमिक बोस, तृणमूल सांसद केडी सिंह, मतंग सिंह, रजत मजूमदार से भी पूछताछ की जानी चाहिए. मालूम रहे कि सारधा समूह निवेशकों के दो हजार से ज्यादा रकम हड़प कर डूब चुका है. इसके चेयरमैन सुदीप्त सेन जेल में हैं. समूह की मीडिया इकाई के सीइओ रहे राज्यसभा सांसद कुणाल घोष को बिधाननगर कमिश्नरेट की पुलिस ने धोखाधड़ी समेत कई मामलों में गिरफ्तार किया है. कुणाल अभी पुलिस हिरासत में हैं.

राजनीति के मैदान में देंगे जवाब : ममता
कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस से निलंबित सांसद कुणाल घोष ने सारधा चिटफंड मामले में भले ही अपने रिकॉर्डेड बयान के जरिये मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया है, लेकिन इस पर सीधा जवाब अभी तक मुख्यंमत्री की ओर से नहीं आया है. दक्षिण दिनाजपुर में बुधवार को एक जनसभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि लग रहे आरोपों का करारा जवाब राजनीति के मैदान में दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि चिटफंड का कारोबार वाममोरचा शासनकाल में फैला. तृणमूल कांग्रेस शासित सरकार ने इसका कड़ा मुकाबला किया. राज्य सरकार की ओर से अल्प संचय परियोजना भी शुरू की गयी. जनता की बेहतरी के लिए सरकार कदम उठाती रहेगी.

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