कोलकाता: लंबे अंतराल के बाद जंगल महल के विभिन्न क्षेत्रों में फिर से माओवादियों की गतिविधियां तेज हो गयी हैं. माओवादियों ने फिर जंगल महल के तीन जिलों पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुड़ा व पुरुलिया में आगामी 30 नवंबर को हड़ताल का आह्वान किया है. यह खबर मिलते ही राज्य प्रशासन की नींद उड़ गयी है.गौरतलब है कि 24 नवंबर 2011 को शीर्ष माओवादी नेता कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी को पुलिस ने मार गिराया था. किशनजी की मौत के बाद कई माओवादी नेताओं को पुलिस ने या तो गिरफ्तार किया है या कई ने आत्मसमर्पण कर दिया है. माओवादियों ने अपने नेता की याद में ही आगामी 30 नवंबर को जंगल महल इलाके में हड़ताल का आह्वान किया है.
शहीद सप्ताह मनायेंगेमाओवादी नेता कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी की मृत्यु के दिन यह हड़ताल बुलायी गयी है. इसके साथ ही माओवादियों ने इस सप्ताह को शहीद सप्ताह के रूप में पालन करने का भी फैसला किया है. पिछले कुछ महीने में पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुड़ा व पुरुलिया जिले में माओवादियों की गतिविधियां देखी गयी थं, लेकिन अब उसमें तेजी आ गयी है.
नवान्न में बैठक, छापेमारी तेज करने के निर्देश
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नवान्न भवन में इसे लेकर राज्य के गृह सचिव बासुदेव बनर्जी के नेतृत्व में राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों के बीच उच्चस्तरीय बैठक हुई. बैठक के बाद राज्य के गृह मंत्रलय की ओर से तीनों जिलों के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को सतर्क कर दिया गया है. साथ ही जिन क्षेत्रों से पोस्टर मिले हैं, उन इलाकों में छापामारी अभियान तेज करने का निर्देश दिया गया है.
इलाके में बढ़ायी गयी सुरक्षा : पुलिस अधीक्षक
घटना के संबंध में झाड़ग्राम के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुमीत कुमार ने बताया कि माओवादी पोस्टरों के बारे में खबर मिली है और इसके लिए तलाशी अभियान भी शुरू कर दिया गया है. साथ ही इन क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को भी और पुख्ता किया गया है. उन्होंने बताया कि पश्चिम मेदिनीपुर के ग्वालतोड़, बीनपुर थाना क्षेत्र के अधरिया, लालगढ़ के काइमा व सालबनी के कालामुड़ी क्षेत्र में माओवादी पोस्टर मिले हैं.