31.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

तृणमूल लहर में वाममोरचा का हावड़ा गढ़ भी ढहा

कोलकाता: चुनाव में तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी का जादू बरकरार है. पंचायत चुनाव के बाद उनकी पार्टी ने एक बार फिर अपना परचम लहराया है. हावड़ा नगर निगम सहित पांच नगर निकायों के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने चार पर कब्जा जमा लिया है. हालांकि तृणमूल का विजय रथ रेल राज्य मंत्री अधीर रंजन […]

कोलकाता: चुनाव में तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी का जादू बरकरार है. पंचायत चुनाव के बाद उनकी पार्टी ने एक बार फिर अपना परचम लहराया है. हावड़ा नगर निगम सहित पांच नगर निकायों के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने चार पर कब्जा जमा लिया है. हालांकि तृणमूल का विजय रथ रेल राज्य मंत्री अधीर रंजन चौधरी के गढ़ बहरमपुर नहीं पहुंच सका. वहां कांग्रेस को 28 में 26 वार्डो पर जीत मिली है. लेकिन तृणमूल यहां इस बार दो सीटें जीत कर खाता खोलने में कामयाब रही है.

Undefined
तृणमूल लहर में वाममोरचा का हावड़ा गढ़ भी ढहा 2


पिछले चुनाव में सभी 25 वार्डो पर कांग्रेस को जीत मिली थी. सोमवार को 22 नवंबर को हावड़ा नगर निगम व बहरमपुर, कृष्णानगर, मेदिनीपुर और झाड़ग्राम पालिका के हुए चुनाव के घोषित नतीजे में सबसे ज्यादा नुकसान वाम मोरचा को हुआ है.

उसका हावड़ा का किला भी ढह गया. 1984 के बाद से वाम मोरचा यहां लगातार जीत कर्ज करता आ रहा था. इस बार 50 में 41 वार्डो पर जीत हासिल कर तृणमूल कांग्रेस ने हावड़ा नगर निगम पर कब्जा जमा लिया है. माकपा उम्मीदवार मेयर ममता जायसवाल को भी हार का सामना करना पड़ा है. उन्हें भाजपा उम्मीदवार गीता राय ने शिकस्त दी है. पांच नगर निकायों के हुए चुनाव में इस बार वाम मोरचा को खाली हाथ रहना पड़ा है. जबकि कांग्रेस बहरमपुर नगरपालिका बचाने में कामयाब रही. उधर, 23 नगर निकायों के अंतर्गत 29 वार्डो में हुए उपचुनाव में ज्यादातर वार्डो पर तृणमूल का ही कब्जा रहा.

बहरमपुर: मुर्शिदाबाद जिला कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. पूर्ववर्ती वाममोरचा के शासनकाल से ही बहरमपुर नगरपालिका पर कांग्रेस का कब्जा रहा है. इस बार कांग्रेस की ही जीत हुई लेकिन दो वार्डो पर तृणमूल ने सेंध लगायी है. वाम मोरचा को एक भी वार्ड पर जीत नहीं मिली. रेल राज्य मंत्री अधीर रंजन चौधरी ने दो वार्डो पर तृणमूल के कब्जे पर कहा कि यह जीत तृणमूल की नहीं बल्कि उन वार्डो से खड़े उम्मीदवारों की हुई है. वे उम्मीदवार पहले कांग्रेस पार्टी में थे. चुनाव की घोषणा के बाद तृणमूल का दामन थामा था. पिछले चुनाव में बहरमपुर नगरपालिका के अंतर्गत 25 वार्ड थे, जिनपर कांग्रेस का ही कब्जा था.

कृष्णानगर: चुनाव से पहले कांग्रेस को जीत की उम्मीद थी, पर आखिरी समय पर पार्टी के 13 पार्षदों ने पाला बदल लिया, जिससे चुनाव की तसवीर ही बदल गयी. तृणमूल के ज्यादातर उम्मीदवार पहले कांग्रेस में थे. चुनाव में वाममोरचा और कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली.

मेदिनीपुर: मेदिनीपुर नगरपालिका चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला रहा. तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस व वाममोरचा उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर हुई लेकिन तृणमूल ने अपने कब्जे को बनाये रखा. मेदिनीपुर पालिका चुनाव तृणमूल के लिए काफी अहम था क्योंकि राज्य में सत्ता में आने से पहले आदिवासियों का विकास और माओवादी गतिविधियों को मुद्दा बनाकर तृणमूल ने वाममोरचा के खिलाफ कई बड़े आंदोलन किये थे.

झारग्राम: झारग्राम नगरपालिका पर 30 वर्ष से वाममोरचा का कब्जा था. वाम मोरचा का यह किला भी धराशायी हो गया है. जबकि कांग्रेस के हाथ से एकमात्र वार्ड भी चला गया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें