– जमानत याचिका खारिज, पुलिस हिरासत में भेजे गये
– पुलिस पर अमानवीय व्यवहार का आरोप
कोलकाता : अदालत ने सारधा चिटफंड घोटाले में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष की जमानत याचिका रविवार को खारिज कर दी. कुणाल को कड़ी सुरक्षा में बिधाननगर के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अपूर्ब कुमार घोष की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
बिधाननगर पुलिस ने शनिवार को राज्यसभा सांसद कुणाल घोष को गिरफ्तार किया था. उधर, घोष ने पुलिस पर अमानवीय व्यवहार का आरोप लगाते हुए भूख हड़ताल शुरू कर दी है.
अदालत में अपनी पेशी के दौरान कुणाल घोष ने न्यायाधीश के समक्ष कुछ बोलने की कोशिश की, लेकिन उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली. सांसद का कहना था कि जिन नौ लोगों के नाम उन्होंने घोटाले में शामिल होने के तौर पर लिये हैं क्या सरकारी वकील उन्हें पेश करेंगे.
हालांकि अदालत का कहना था कि चाहें तो वह खुद अपनी बात रखें या वकील के माध्यम से. दोनों को बात रखने की इजाजत नहीं दी जा सकती. कुणाल के वकील का कहना था कि उनके मुवक्किल ने पहले ही अपने बैंक एकाउंट संबंधी दस्तावेजों को पुलिस के पास जमा कर दिया है.
इसके अलावा पुलिस द्वारा बुलाये जाने पर हर वक्त वह उपस्थित हुए हैं. ऐसे में उन्हें जमानत दे दी जाये. लेकिन अदालत में उनकी अर्जी को खारिज कर दिया गया. ब्रॉडकास्ट वल्र्डवाइड नामक कंपनी के महाप्रबंधक द्वारा दर्ज करायी गयी शिकायत के संबंध में उन्हें गिरफ्तार किया गया था.
कुणाल ने अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा कि पुलिस के कथित क्रूर रवैये के विरोध में वह शनिवार रात से भूख हड़ताल पर हैं. शनिवार रात को हुई गिरफ्तारी से पहले घोष ने बिधाननगर पुलिस कमिश्नरेट के खुफिया विभाग के प्रमुख अर्णब घोष पर ‘आपराधिक ब्लैकमेलिंग’ का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी. गौरतलब है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण सितंबर महीने में कुणाल को तृणमूल कांग्रेस से निलंबित किया गया था.
गिरफ्तार सांसद के आवास पर छापा
कोलकाता. सारधा चिटफंड घोटाले में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस के निलंबत सांसद कुणाल घोष के घर पर पुलिस ने शनिवार सुबह छापा मारा. इस दौरान उनके कंप्यूटर का हार्ड डिस्क जब्त कर लिया गया. उत्तर कोलकाता स्थित उनके आवास पर राज्य पुलिस की टीम ने छापामारी की.
सुबह करीब पांच बजे कुणाल घोष को लेकर पुलिस उनके घर पहुंची. कुणाल के घर की लगभग एक घंटे तक तलाशी ली गयी. शनिवार को कुणाल घोष को सारधा चिटफंड घोटाले में बिधाननगर कमिश्नरेट की पुलिस ने गिरफ्तार किया था. कुणाल घोष के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 120 बी (साजिश रचने) लगायी गयी है.
उल्लेखनीय है कि कभी कुणाल घोष मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व पार्टी के अन्य आला नेताओं के काफी करीबी माने जाते थे. लेकिन सारधा मामले में नाम आने से पहले एक कार्यक्रम में उन पर पार्टी विरोधी बयान देने का आरोप लगा. इसके बाद पार्टी की अनुशासन समिति ने उन्हें निलंबित कर दिया. उन्हें सितंबर में उस समय तृणमूल से निलंबित कर दिया था जब उन्होंने तृणमूल की निलंबित विधायक शिखा मित्र के साथ एक रक्तदान शिविर में मंच साझा करते हुए पार्टी नेतृत्व के खिलाफ टिप्पणियां की थीं.