कोलकाता: जन विरोधी नीतियों को अपनाने का आरोप लगाते हुए महंगाई, बेरोजगारी, महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध समेत कई मुद्दों को लेकर एसयूसीआइ द्वारा महानगर में महारैली निकाली गयी.
साथ ही इन मुद्दों को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाने के साथ मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा गया. जानकारी के मुताबिक रैली आजाद हिंद बाग से निकाली गयी जो विधान सरणी, कॉलेज स्ट्रीट, निर्मल चंद्र स्ट्रीट, रफी अहमद किदवई रोड, एसएन बनर्जी रोड व डोरिना क्रासिंग होते हुए रानी रासमणि एवेन्यू पर समाप्त हुई. रैली में एसयूसीआइ के प्रदेश सचिव सोमेन बसु, सांसद तरुण मंडल समेत सैकड़ों की तादाद में पार्टी कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया.
बाजारों पर नियंत्रण नहीं
एसयूसीआइ द्वारा आयोजित जनसभा के दौरान प्रदेश सचिव सोमेन बसु ने कहा कि बाजारों पर सरकार का नियंत्रण नहीं है. यही वजह है कि आलू, सब्जियों व अन्य खाद्यानों को लेकर संकट बना हुआ है. केवल बंगाल ही नहीं बल्कि पूरे देश में यह समस्या बनी हुई है. आरोप के मुताबिक केंद्र सरकार की ही तरह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नेतृत्व वाली तृणमूल सरकार की नीति भी कारगर नहीं है. बड़ी-बड़ी कंपनियों को मुनाफा दिया जा रहा है लेकिन श्रमिकों और मध्यम व निम्न वर्ग के लोगों के हितों की अनदेखी की जा रही है. हस्ताक्षर अभियान चलाने का भी मकसद यही है कि सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जनमत एकत्रित की जा सके.
प्रशासन आपराधिक मामलों पर लगाये अंकुश
राज्य में महिलाओं के प्रति होने वाले आपराधिक मामलों का जिक्र करते हुए एसयूसीआइ नेताओं ने मांग की है कि राज्य सरकार व प्रशासन इन मामलों में अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाये. महिलाओं की सुरक्षा पर संकट बना हुआ है. सांसद तरूण मंडल ने कहा कि शायद ही ऐसा कोई दिन हो जब महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध के मामले नहीं घटते हों. इन घटनाओं के विरोध में उन्होंने महिलाओं को एकत्रित होकर आंदोलन करने की बात कही. बेरोजगारी व श्रमिकों पर मंडराते खतरे के लिए पूंजीवादी नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है. नेताओं ने कहा कि राज्य में किसानों को उनके पैदावार का उचित मूल्य नहीं प्राप्त हो पा रहा है. दलाल चक्र की वजह से किसान और आम लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है. एसयूसीआइ ने मांग की कि राज्य सरकार इन समस्याओं के समाधान के लिए कदम उठाये.