कोलकाता: राज्य में निवेशकों को आकर्षित करने के मामले में पश्चिम बंगाल काफी पिछड़ गया है. वर्तमान वित्तीय वर्ष के प्रथम छह महीने में जनवरी से जून तक कुल 3,075 करोड़ रुपये का निवेश करने के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर हुए हैं, जो कि देशभर में होनेवाले कुल निवेश का मात्र 1.32 फीसदी है.
केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के इंडस्ट्रीयल पुलिस व प्रोमोशन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2011 में राज्य में करीब एक लाख करोड़ रुपये का निवेश करने का प्रस्ताव पेश किया गया था, जो राष्ट्रीय आंकड़े का करीब 19.65 फीसदी था. 2008, 2009 व 2010 में यह आंकड़ा क्रमश: 6.23 फीसदी, 4.27 फीसदी व 2.46 फीसदी था. लेकिन 2013 में यह आंकड़ा नीचे गिर कर मात्र 1.32 फीसदी हो गया है.
औद्योगिक विशेषज्ञों का कहना है कि बंगाल का यह आंकड़ा कोई आश्चर्यजनक नहीं है, क्योंकि यहां कोई भी बड़ी कंपनी उत्पादन के क्षेत्र में निवेश करने से पहले सौ बार सोच रही है. राज्य की जमीन अधिग्रहण नीति निवेशकों के लिए चिंता का विषय है. इसके अलावा राज्य सरकार ने यहां किसी प्रकार के विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) को बढ़ावा देना नहीं चाहती है.