27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पड़ोसी राज्यों पर भी पड़ी बंगाल की छाया

कोलकाता: बंगाल में आलू की किल्लत का साया अब ओड़िशा पर भी दिखने लगा है. हालांकि यहां के आलू के थोक व्यवसायियों ने इसके लिए यहां की सरकार को जिम्मेवार ठहराया है. उनका कहना है कि राज्य सरकार ने यहां से दूसरे राज्यों में आलू की आपूर्ति पर रोक लगा दी है. इससे सिर्फ बंगाल […]

कोलकाता: बंगाल में आलू की किल्लत का साया अब ओड़िशा पर भी दिखने लगा है. हालांकि यहां के आलू के थोक व्यवसायियों ने इसके लिए यहां की सरकार को जिम्मेवार ठहराया है. उनका कहना है कि राज्य सरकार ने यहां से दूसरे राज्यों में आलू की आपूर्ति पर रोक लगा दी है. इससे सिर्फ बंगाल ही नहीं, बल्कि पूर्वी भारत के कई राज्यों में आलू की समस्या देखी जा रही है.

कोलकाता में पोस्ता बाजार के आलू थोक व्यवसायी ने बताया कि अगर यह निषेधाज्ञा जारी रही, तो इससे आलू व्यवसायियों को काफी नुकसान होगा, क्योंकि यहां आलू की कमी नहीं है, राज्य के विभिन्न कोल्ड स्टोरेज में अब भी 15 लाख टन आलू है, जबकि 20 दिनों में राज्य में आलू की अधिकतम खपत पांच लाख टन होगी, इससे 10 लाख टन आलू बच जायेगा. इस आलू को अगर अन्य राज्यों में नहीं भेजा गया तो आलू कारोबारियों को करोड़ों का नुकसान होगा.

ओड़िशा के कारोबारियों का कहना है कि ओड़िशा में रोजाना करीब 400 ट्रक आलू की खपत होती है, जबकि कारोबारियों को फिलहाल मात्र 50 ट्रक आलू ही मिल रहा है. बंगाल सरकार प्रत्येक ट्रक आलू पर 10 हजार रुपये का अतिरिक्त मांग रही है, ऐसे में आलू की किल्लत व उसका दाम बढ़ना स्वाभाविक है. बंगाल से ओड़िशा जा रही करीब 200 ट्रकों को विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गो पर पकड़ा गया है और उसे ओड़िशा जाने नहीं दिया जा रहा है.

पश्चिम बंगाल के व्यवसायियों का मानना है कि अभी भी राज्य के कोल्ड स्टोरेज में पर्याप्त मात्र में आलू है, अगर यह आलू 1100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेचा जाये, तब भी कोई नुकसान नहीं होगा. लेकिन उसके बावजूद आलू की किल्लत व कीमत में वृद्धि का माजरा किसी के समझ में नहीं आ रहा है. वहीं, जानकारों का कहना है कि राज्य सरकार ने आलू के निर्यात पर रोक लगा दी है, ऐसे में आलू यहां से बाहर नहीं जा पा रहा है और 30 नवंबर तक सभी कोल्ड स्टोरेज को खाली भी कर देना है. ऐसी परिस्थिति में 30 नवंबर के बाद यहां काफी आलू बच जायेगा, जिसे फेंकने के अलावा कोई और दूसरा रास्ता नहीं बचेगा. इसलिए भविष्य के नुकसान से बचने के लिए आलू की कृत्रिम किल्लत पैदा कर कीमतें बढ़ायी गयी हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें