कोलकाता: लेक इलाके के एक गेस्ट हाउस में बिहार के समस्तीपुर के राकेश कुमार का शव मिला था. उस मामले में कोलकाता पुलिस के गुप्तचर विभाग की टीम ने हुगली के धनियाखाली से दो लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के नाम शशि कुमार मंडल उर्फ मोहम्मद शुभान उर्फ विश्वजीत सिंह व शरीफा बेगम हैं. दोनों पति-पत्नी हैं. पूछताछ में उन्होंने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. दोनों को 12 अक्तूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.
क्या था मामला
राकेश की आरोपियों से मुलाकात अमृतसर में हुई थी. राकेश वहां मजदूरी करता था. लंगर में खाना खाने के दौरान उसकी मुलाकात विश्वजीत सिंह से हुई थी. विश्वजीत मूलत: बांका जिले के बरहाट का रहनेवाला है. उसने बीवी शरीफा बेगम हुगली के धनियाखाली की रहनेवाली है. एक दिन विश्वजीत ने राकेश को गरीबी दूर करने के लिए किडनी बेचने की सलाह दी. राकेश किडनी बेचने के लिए जुलाई में विश्वजीत के साथ कोलकाता आया और यहां एक किडनी बेच दी. राकेश को 40 हजार रुपये मिले थे, लेकिन बाकी के रुपये विश्वजीत के जरिये सितंबर में मिलने थे. इसी बीच राकेश की तबीयत खराब हुई तो वह 13 सितंबर को दोबारा कोलकाता पहुंचा. उसने आने से पहले विश्वजीत को बाकी के रुपये तैयार रखने की बात कही थी.
विश्वजीत ने अपना परिचय राकेश बता कर लेक इलाके में गेस्ट हाउस बुक कराया था. 13 को विश्वजीत, उसकी पत्नी और राकेश गेस्ट हाउस में थे. 15 को राकेश का शव मिला. प्राथमिक पूछताछ में किडनी के बाकी रकम हड़पने के लिए हत्या की साजिश का मामला सामने आया है.
हालांकि विश्वजीत का कहना है कि 13 अक्तूबर की रात को जब वह बाहर से पानी लेकर गेस्ट हाउस पहुंचा तो उसकी पत्नी ने राकेश द्वारा उसके साथ छेड़खानी की शिकायत की. जिसके बाद गुस्से में उसने राकेश का गला घोंट दिया. इसके बाद उसी रात होटल से भाग कर हुगली के धनियाखाली स्थित ससुराल में जाकर एक बंद पड़े मोबाइल दुकान में रहने लगा. गेस्ट हाउस से अधिकारियों को आरोपी के मोबाइल फोन का रिकार्ड मिला था, जिसके आइएमइआइ नंबर को ट्रैक कर दोनों धनियाखाली से गिरफ्तार किया गया.