कोलकाता: राज्य की जनता प्याज की बढ़ती कीमत को लेकर पहले से परेशान थी कि अब आलू की बढ़ती कीमत ने यहां के लोगों की परेशानियों को और बढ़ा दिया है. राज्य में बढ़ती आलू की कीमत से राज्य सरकार भी परेशान है और इसे कम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.
इस संबंध में गुरुवार को राज्य के खाद्य विपणन मंत्री अरूप राय ने राइटर्स बिल्डिंग में कहा कि राज्य में आलू की कमी नहीं है. लेकिन यहां से आलू को अन्य राज्यों में भेजा जा रहा है, जिससे यहां आलू की कीमत बढ़ती जा रही है. राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में अब भी करीब 17 लाख टन आलू है, जबकि राज्य में प्रत्येक महीने पांच लाख टन आलू की खपत होती है. तो ऐसे में यह आलू भी अगले तीन महीने के लिए पर्याप्त है. आलू की बढ़ती कीमत पर अंकुश लगाने के लिए शुक्रवार को राइटर्स बिल्डिंग में उच्चस्तरीय बैठक होगी, जिसमें राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित कोल्ड स्टोरेज के मालिक, थोक विक्रेताओं के साथ-साथ आबकारी विभाग के अधिकारियों को भी बुलाया गया है.
मंत्री ने साफ कर दिया कि मुख्यमंत्री ने आलू के निर्यात पर रोक लगाने का निर्देश दिया है. पहले राज्य के मांगों को पूरा किया जायेगा और उसके बाद ही आलू निर्यात किया जा सकेगा. आबकारी विभाग के अधिकारियों को इस ओर विशेष ध्यान देने को कहा गया है. गौरतलब है कि राज्य में प्रत्येक वर्ष 60 लाख टन आलू की खपत होती है, जबकि यहां आलू का उत्पादन 105-110 लाख टन होता है.