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हावड़ा के 10 गांवों में बाढ़

कोलकाता: बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान ‘फैलिन’ के असर से भारी बारिश और झारखंड के माइथेन व डीवीसी बांध से लगातार पानी छोड़े जाने की वजह से पश्चिम बंगाल के कई जिलों में बाढ़ के हालात पैदा हो गये हैं. पूर्व मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुड़ा व पुरुलिया में लाखों लोग प्रभावित हुए हैं. […]

कोलकाता: बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान ‘फैलिन’ के असर से भारी बारिश और झारखंड के माइथेन व डीवीसी बांध से लगातार पानी छोड़े जाने की वजह से पश्चिम बंगाल के कई जिलों में बाढ़ के हालात पैदा हो गये हैं.

पूर्व मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुड़ा व पुरुलिया में लाखों लोग प्रभावित हुए हैं. हुगली व बर्दवान में भी बाढ़ की आशंका बनी हुई है. हावड़ा जिले के 10 गांवों में बाढ़ आ गयी है. गढ़भवानीपुर, खुर्शीपुर, कानूपुर और सिम्टी ग्राम पंचायत के गावों में बाढ़ का कहर जारी है. बाढ़ प्रभावित लगभग 12 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. प्रशासन की ओर से स्थापित 30 राहत शिविरों में इन लोगों को शरण दिया गया है.

मंगलवार को डीवीसी से एक लाख 65 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.झारखंड में भारी बारिश की वजह से बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़ने की नौबत आयी है. उधर, चक्रवाती तूफान के कारण रविवार को बर्दवान जिले में अलग-अलग जगहों पर 11 लोगों की मौत हो गयी. इस बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने आवास पर मंगलवार को आपात बैठक बुलाई जिसमें हालात की समीक्षा की गयी.

बैठक में पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी, आपदा मामलों के मंत्री जावेद अहमद खान सहित कई मंत्री व अधिकारी मौजूद थे. मुख्यमंत्री ने बिना सूचना के डीवीसी व माइथेन बांध से पानी छोड़े जाने पर नाराजगी जतायी. ममता ने इस संबंध में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिख कर मामले में हस्तक्षेप की अपील की. इस बीच, मौके पर हालात का जायजा लेने देर शाम मुख्यमंत्री पश्चिम मेदिनीपुर पहुंच गयी हैं. वह झाड़ग्राम स्थित सर्किट हाउस में रात्रि विश्रम करेंगी. मुख्यमंत्री अपने साथ पांच गाड़ियों में राहत सामग्री भी ले गयी हैं.

नदियों का जलस्तर बढ़ा
लगातार बारिश के कारण द्वारकेश्वर, कंसावती, भैरोबांकी, शीलावती, शाली बांकुड़ा आदि नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. पांसकुड़ा में कंसावती नदी का बांध का कुछ हिस्सा टूट गया है. इससे लगभग 10 हजार लोग प्रभावित हुए हैं. पश्चिम मेदिनीपुर में लगभग दो हजार कच्चे मकान गिर गये. जबकि 1500 कच्चे घर क्षतिग्रस्त हुए हैं. झारखंड में स्वर्णरेखा का जलस्तर बढ़ गया है. इससे इस नदी का पानी पश्चिम मेदिनीपुर के गोपीवल्लभपुर सहित 40 इलाकों में घुस गया है. इसके साथ ही डीवीसी से पानी छोड़े जाने से बर्दवान व हुगली जिले का कुछ इलाका जलप्लावित हुआ है. हुगली के खानाकुल व आरामबाग में बाढ़ की आशंका बनी हुई है.

क्या कहा सिंचाई मंत्री ने
सिंचाई मंत्री राजीब बनर्जी ने कहा, ‘ डीवीसी प्रशासन ने हमें करीब एक लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बारे में सूचित किया था लेकिन अब तक वे बिना किसी पूर्व सूचना के पहले ही 1.63 लाख क्यूसेक पानी छोड़ चुके हैं.’ राज्य सरकार ने इससे पूर्व झारखंड सरकार और डीवीसी (दामोदर घाटी निगम) प्रशासन से अपील की थी कि वह चरणबद्ध तरीके से पानी छोड़े ताकि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा सके.

डीवीसी का कहना है
डीवीसी अध्यक्ष आरएन सेन ने हालांकि कहा, ‘ हमें अपने बांधों से 1.25 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने की अनुमति है लेकिन हम अधिकतम संभावित सीमा तक पानी को रोक कर रखे हुए हैं और झारखंड में भारी बारिश के कारण करीब 1 लाख क्यूसेक पानी छोड़ रहे हैं.’ उन्होने दावा किया कि 1.25 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद भी कोई बाढ़ नहीं आयेगी. उन्होंने कहा कि इससे कुछ एक स्थानों पर जल भराव जरूर हो सकता है. सेन ने कहा कि यदि और बारिश नहीं होती है तो मुङो लगता है कि बाढ़ का कोई खतरा नहीं है. इस समय , हमारे बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण केवल हुगली जिले में ही कुछ स्थानों पर डूब का खतरा है.

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