कोलकाता: कलकत्ता हाइकोर्ट में मंगलवार को शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में दो मामलों की सुनवाई हुई. अदालत ने 34 हजार प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति को सशर्त मंजूरी दे दी, लेकिन हाइकोर्ट ने कॉलेज शिक्षकों की भरती पर रोक लगा दी है.
प्राथमिक शिक्षकों की भरती के संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति विश्वनाथ समद्दार ने निर्देश दिया कि राज्य सरकार प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्ति कर सकती है, लेकिन अभ्यर्थियों को बताना होगा कि उनकी नियुक्त अदालत में लंबित मामले के फैसले पर निर्भर करेगी. मामले की अगली सुनवाई दिसंबर महीने में होगी. गौरतलब है कि प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए राज्य सरकार ने 34 हजार शिक्षकों की नियुक्ति का फैसला किया.
कुछ महीने पहले 55 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी. लेकिन परीक्षा के बाद परीक्षार्थियों के एक समूह ने हाइकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि परीक्षा में पाठय़क्रम (सिलेबस) के बाहर उच्च माध्यमिक व स्नातक स्तर के प्रश्न पूछे गये थे. इस संबंध में हाइकोर्ट ने नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एडूकेशन (एनसीटीइ) से रिपोर्ट मांगी. एनसीटीइ ने हाइकोर्ट में रिपोर्ट देकर कहा था कि अंगरेजी, गणित, पर्यावरण विज्ञान व शिशु विकास विज्ञान के प्रश्न सिलेबस के बाहर से थे. लेकिन एनसीटीइ ने पूरी रिपोर्ट नहीं दी. उसने हाइकोर्ट में कहा कि सवाल बांग्ला में लिखे गये थे, इसलिए उसे समझ में नहीं आया. अदालत ने परीक्षा के आयोजक (माध्यमिक शिक्षा पर्षद) को सवालों का अनुवाद एनसीटीइ को सौंपने का निर्देश दिया. लेकिन अभी एनसीटीइ को प्रश्नों के अनुवाद नहीं मिले हैं.
इस संबंध में शिक्षा मंत्री ब्रात्स बसु ने कहा कि पूजा के बाद प्राथमिक शिक्षकों की भरती के लिए आयोजित परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया जायेगा. जल्द ही परीक्षा पास करनेवाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी जायेगी. सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार दिसंबर से पहले नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर लेना चाहेगी.
कॉलेज शिक्षकों का मामला
उधर, कॉलेज शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पर हाइकोर्ट ने रोक लगा दी है. मंगलवार को कॉलेज सर्विस कमीशन का रिजल्ट निकलनेवाला था, लेकिन हाइकोर्ट ने रिजल्ट को अपने कब्जे में ले लिया है. न्यायाधीश अनिरुद्ध बसु ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को वर्ष 2009 के पहले पास होनेवाले छात्रों का पहले साक्षात्कार लेने का निर्देश दिया. इसके साथ ही कॉलेज सर्विस कमीशन की परीक्षा पास करनेवाले छात्रों को भी साक्षात्कार के लिए बुलाने को कहा गया है. हाइकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि किसी को भी वंचित नहीं किया जा सकता है. इस मामले में शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने कहा कि एकल पीठ के इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार खंडपीठ में याचिका दायर करेगी.