कोलकाता/नयी दिल्ली: आमरी अस्पतालअग्निकांडमें निदेशकों की जमानत को रद्द करने के लिए दायर की गयी राज्य सरकार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है और निदेशकों के जमानत पर रहने के आदेश को बहाल रखा.
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश एके पट्टनायक व न्यायाधीश जेएस केहर की बेंच ने आमरी हॉस्पिटल के निदेशक राधे श्याम अग्रवाल, राधे श्याम गोयनका सहित अन्य निदेशकों को राहत प्रदान की है. गौरतलब है कि वर्ष 2011 में ढाकुरिया स्थित आमरी हॉस्पिटल में हुए अगिAकांड में 91 लोगों की मौत हुई थी. आमरी हॉस्पिटल में अभी भी ताला लगा हुआ है.
घटना के करीब दो वर्ष बीतने के बाद भी यहां के स्थानीय लोगों को आज भी वह दिन याद है. इसके बावजूद वहां के लोग चाहते हैं कि यह अस्पताल फिर से खुल जाये और यहां फिर से लोगों का इलाज हो. आमरी कांड में पुलिस ने हॉस्पिटल के सभी निदेशकों के खिलाफ मामला किया था और सभी निदेशक करीब दो महीने तक जेल में भी थे. लेकिन बाद में सभी निदेशकों को हाइकोर्ट ने जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया. हाइकोर्ट ने कहा कि यह सभी लोग बेशक हॉस्पिटल के निदेशक हैं, लेकिन वहां के रोजाना के कार्यकलाप से इनका कोई संबंध नहीं है.
हाइकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से निदेशकों द्वारा किये गये अपराध के बारे में जानकारियां मांगी, लेकिन राज्य सरकार इनका कोई जवाब नहीं दे पायी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की याचिका को खारिज कर दिया और निदेशकों की जमानत बहाल रखी.