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ममता से समझौता नहीं: जयराम

कोलकाता: केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने मंगलवार को आगामी लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस से किसी चुनावी गंठबंधन की संभावना को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसी किसी भी पार्टी से गंठबंधन नहीं करेगी, जिसका लोकसभा चुनाव जीतने के लिए भाजपा से गुप्त समझौता हो. हावड़ा लोकसभा सीट […]

कोलकाता: केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने मंगलवार को आगामी लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस से किसी चुनावी गंठबंधन की संभावना को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसी किसी भी पार्टी से गंठबंधन नहीं करेगी, जिसका लोकसभा चुनाव जीतने के लिए भाजपा से गुप्त समझौता हो. हावड़ा लोकसभा सीट के उपचुनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव में तृणमूल और भाजपा में गुप्त समझौता हुआ था. यही वजह है कि भाजपा ने अपने उम्मीदवार का नाम बाद में वापस ले लिया था.

रमेश प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. लोकसभा चुनाव में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा के पीएम पद का उम्मीदवार बनाये जाने के बारे में पूछे जाने पर रमेश ने कहा कि राष्ट्रीय सेवक संघ (आरएसएस) के इशारे पर भाजपा चलती है. कांग्रेस सांप्रदायिकता की राजनीति नहीं करती है.

लेकिन भाजपा इसके विपरीत है. मुजफ्फरनगर इसका उदाहरण है. सांप्रदायिकता की सीढ़ी चढ़ कर भाजपा जीत हासिल करना चाहती है. ऐसा कहा जा सकता है कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की लड़ाई भाजपा से नहीं, बल्कि आरएसएस से होगी.

कांग्रेस का चुनावी एजेंडा तय
रमेश ने बताया कि लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का चुनावी एजेंडा तय हो गया है. भाजपा पर कटाक्ष करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस संन्यासियों की पार्टी नहीं है, इसलिए नये भूमि अधिग्रहण कानून व राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम चुनावी एजेंडे होंगे. इसमें कई विकास कार्य व योजनाएं, आरटीआइ एक्ट, मनरेगा, बच्चों के शिक्षा अधिकार से मिलनेवाले फायदे भी शामिल हैं. कांग्रेस सांप्रदायिकता के खिलाफ है. केवल जीत हासिल करने के लिए इसे बढ़ावा देना उचित भी नहीं समझती.

ममता पर दोहरी नीति का आरोप : नये भूमि अधिग्रहण कानून का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री ने ममता बनर्जी पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इस कानून के संबंध में वह तीन बार बंगाल आ चुके हैं. जब संप्रग सरकार में तृणमूल शामिल थीं, तब सुश्री बनर्जी ने इस कानून का व्यक्तिगत रूप से समर्थन किया था. लेकिन जनता के सामने इसका विरोध. यह कानून सबसे ज्यादा फायदेमंद किसानों के लिए होगा. एक समय था जब सिंगूर व नंदीग्राम में किसानों के हित को सामने रख सुश्री बनर्जी ने बंगाल में आंदोलन छेड़ा और यही वजह है कि तृणमूल सत्ता में आयी. यह नहीं भूलना चाहिए कि सिंगूर ममता से नहीं, बल्कि ममता सिंगूर से हैं.

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