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तृणमूल नेताओं पर बिफरे कुणाल

कोलकाता: हजारों करोड़ के सारधा चिटफंड घोटाले में पुलिस ने शनिवार को तृणमूल कांग्रेस सांसद और पत्रकार कुणाल घोष से पूछताछ की. घोष को कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए तृणमूल की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी होने के एक दिन बाद पुलिस ने उनसे बिधानगर पुलिस कमिश्नरेट में करीब साढ़े तीन घंटे तक […]

कोलकाता: हजारों करोड़ के सारधा चिटफंड घोटाले में पुलिस ने शनिवार को तृणमूल कांग्रेस सांसद और पत्रकार कुणाल घोष से पूछताछ की. घोष को कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए तृणमूल की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी होने के एक दिन बाद पुलिस ने उनसे बिधानगर पुलिस कमिश्नरेट में करीब साढ़े तीन घंटे तक पूछताछ की गयी. रविवार को भी उनसे पूछताछ होगी. पुलिस ने उन्हें समन जारी किया था. पुलिस की पूछताछ के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कुणाल ने सारधा घोटाले को लेकर पार्टी के ही कुछ नेताओं कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने ऐसा भी संकेत दिया कि भविष्य में कुछ बड़ा खुलासा भी कर सकते हैं.

कुणाल घोष ने कहा कि उन्हें पुलिस उपायुक्त (खुफिया विभाग) की ओर से तलब किया गया . उपायुक्त ने उन्हें शुक्रवार को फोन किया था. घोष ने कहा कि पुलिस की फोन कॉल के जवाब में वह पहुंचे. वह पुलिस के साथ पूरा सहयोग करने को तैयार हैं. उन्होंने पहले भी कहा है कि उन्हें जहां कहीं बुलाया जायेगा वह जायेंगे. घोष ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में लाखों लोगों की मेहनत की कमाई हड़प कर डूब जाने वाली सारधा कंपनी के मामले की सीबीआइ जांच की मांग की थी. उनसे अप्रैल में भी पूछताछ हुई थी.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पुलिस में पूरा भरोसा होने की बात कहते हुए कुणाल घोष ने कहा कि उन्होंने मामले की सीबीआइ जांच की मांग की है क्योंकि उन पर राजनीतिक हमले किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह इसमें शामिल हैं या नहीं सीबीआइ जरूरत पड़ने पर इसकी जांच कर सकती है. शुक्रवार को घोष ने मांग की थी कि घोटाले में सामने आये और सारधा ग्रुप के सीएमडी सुदीप्त सेन के परिचित सभी नामों से सीबीआइ पूछताछ करे.

उन्होंने कहा था कि जो लोग उन्हें आगे कर घोटाले में बाकी लोगों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, वह उनके हाथों इस्तेमाल नहीं होने वाले. उन्होंने कहा कि वह सारधा समूह में केवल नौकरी करते थे. शुक्रवार रात को तृणमूल कांग्रेस ने कुणाल घोष के अलावा पार्टी के दो अन्य सांसदों शताब्दी राय और तापस पाल को कारण बताओ नोटिस जारी करने का फैसला किया था. इन सांसदों पर पार्टी विरोधी बयान देने और पार्टी की छवि को धूमिल करने का आरोप है. पार्टी की बागी विधायक शिखा मित्र के साथ मंच साझा करने के बाद इन सांसदों को कारण बताओ नोटिस जारी करने का फैसला किया गया. घोष ने कहा कि पार्टी की तरफ से उन्हें अब तक कोई ‘कारण बताओ नोटिस’ नहीं मिला है. उन्हें इस बारे में समाचार पत्रों से पता चला है. उन्हें नोटिस मिलता है तो वह उसका जवाब देंगे.

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