कोलकाता: श्रमिक शिक्षा के क्षेत्र में हम काफी पीछे हैं. विभिन्न कल-कारखानों में संगठित व असंगठित श्रमिक के तौर पर कार्य करने वाले लोगों को बुनियादी शिक्षा के साथ मौलिक ज्ञान देने की जरूरत है. इस दिश में अभी तक विशेष कार्य नहीं हो सका है.
इस मुद्दे पर सेंट्रल बोर्ड फॉर वर्कर्स एजुकेशन को ध्यान देना चाहिये. ये बातें राज्य के श्रम मंत्री पुर्णेदु बसु ने कहीं. वह सोमवार को सेंट्रल बोर्ड फॉर वर्कर्स एजुकेशन के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में मनाये जानेवाले श्रमिक शिक्षा दिवस कार्यक्रम में बोल रहे थे.
श्री बसु ने कहा कि बोर्ड पिछले कई वर्षो से श्रमिकों को शिक्षित करने का कार्य कर रही है. उन्होंने सलाह दी कि श्रमिकों को केवल किताबी ज्ञान देने से बात नहीं बनेगी, उन्हें मौलिक ज्ञान भी दिया जाना चाहिये. ताकि जब उन्हें वेतन, बोनस आदि अन्य फंड मिले, तो वे यह हिसाब कर सके की उन्हें दिये राशि से ग्रेच्युटी, पीएफ, महंगाई भत्ता व आदि के लिए कितना रुपया उनके वेतन से काटा गया है.
इससे श्रमिकों को विशेष राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि श्रमिक शिक्षा के लिए हम सब को एक साथ मिल कर कार्य करना चाहिए. मौके पर उपस्थित प्रोफेसर एसके राय ने बताया कि प्रत्येक वर्ष 16 दिसंबर को देशभर में बोर्ड द्वारा श्रमिक शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है. बोर्ड का देशभर में कुल 50 क्षेत्रीय कार्यालय है, तथा छह आंचलिक कार्यालय हैं. बोर्ड का मुख्यालय नागपुर में है. इस मौके पर केंद्रीय श्रमिक शिक्षा बोर्ड के आंचलिक निदेशक (पूर्वी क्षेत्र) केके शर्मा, क्षेत्रीय निदेशक स्वपन कुमार राय, श्रमिक नेता कमरू जमन कमर, प्रोफेसर एसके घोष आदि उपस्थित थे.