-अजय विद्यार्थी-
कोलकाता: छत्रधर महतो सहित चार लोगों को यूएपीए ( अनलॉफुल एक्टिविटिज प्रिवेंशन एक्ट) के तहत मेदिनीपुर जिला अदालत छत्रधर महतो को दोषी करार दिया. ये हैं शांतनु सोरेन, शुखशांति बास्के तथा शोभन मुमरु. ये चारों लालगढ़ में 2008 से 2011 तक माओवादी गतिविधि में शामिल थे.
यूएपीए के तहत किसी को दोषी करार देने का राज्य का यह पहला मामला है. यूएपीए का इस्तेमाल गैर कानूनी वित्तीय गतिविधियों, आतंकी मामले में आर्थिक मदद करना तथा नकली नोट वितरण से जुड़ा रहना शामिल है. सितंबर, 2009 को महाष्टमी के दिन वीरकार गांव से कोलकाता पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स ने उन्हें गिरफ्तार किया था. छत्रधर महतो के खिलाफ कई मामले हैं, लेकिन काटापहाड़ी माइन विस्फोट मामले में उन्हें प्रमुख आरोपी बनाया गया था.
यूएपीए धारा मामला दायर किया गया था. इसी मामले में पुलिस संत्रष विरोधी जनसाधारण कमेटी के कोषाध्यक्ष सुखशांति बास्के व राजा सरखेल तथा प्रसून चटर्जी को भी आरोपी बनाया गया था. मेदिनीपुर जिला अदालत ने छत्रधर महतो व उनके तीन साथियों शांतनु सोरेन, शुखशांति बास्के तथा शोभन मुमरु को यूएपीए की धारा के तहत दोषी करार दिया.
इस धारा के तहत उन्हें मृत्यु दंड की सजा भी दी जा सकती है. जबकि राजा सरखेल और प्रसून चटर्जी को देशद्रोह के आरोप के तहत दोषी करार दिया गया, हालांकि इन दोनों को यूएपीए की धारा से अलग रखा गया है.