कोलकाता: कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी को पत्र लिख कर विधानसभा में पार्टी को विरोधी दल की मान्यता देने का दावा किया है.
गुरुवार को कांग्रेस विधायक दल के कार्यवाहक नेता रवींद्रनाथ चटर्जी, वरिष्ठ विधायक डॉ मानस भुईंया व विधायक अजय दे ने विधानसभा अध्यक्ष को विरोधी दल की मान्यता के लिए पत्र सौंपा. बाद में डॉ भुईंया ने कहा कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बाद विधानसभा में सबसे अधिक विधायक कांग्रेस के पास हैं. कांग्रेस के विधायकों की संख्या 40 है, जबकि माकपा के विधायकों की संख्या 39 है. अब विधानसभा में कांग्रेस के अधिक विधायक हैं, इसलिए कांग्रेस को विरोधी दल की मान्यता दी जाये. फिलहाल विधानसभा में माकपा विरोधी दल है.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2011 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस व तृणमूल कांग्रेस ने मिलकर लड़ा था. चुनाव में जीत के बाद तृणमूल कांग्रेस की सरकार में कांग्रेस शामिल भी हुई थी, लेकिन बाद में तृणमूल के यूपीए सरकार से हटने के बाद कांग्रेस ने भी राज्य में तृणमूल सरकार से नाता तोड़ लिया और विरोधी दल हो गयी. लेकिन पहले से ही माकपा के पास विधानसभा में विरोधी दल का तमगा है और विरोधी दल के नेता डॉ सूर्यकांत मिश्र को विपक्ष के नेता की मान्यता भी प्राप्त है.
गौरतलब है कि विरोधी दल के नेता को कैबिनेट मंत्री की तरह सुविधाएं मिलती हैं. माकपा का दावा है कि एक गंठबंधन के रूप में वाम मोरचा के सभी घटक दल एक साथ चुनाव लड़े थे. ऐसी स्थिति में एक गंठबंधन के रूप में उनके कुल विधायकों की संख्या 65 है, जो सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस के बाद सबसे अधिक है.