कोलकाता: राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित विश्वविद्यालयों पर उच्च माध्यमिक शिक्षा पर्षद की निगरानी व अधिकार बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने नया विधेयक पेश करने का फैसला किया है. अगस्त महीने में विशेष अधिवेशन के दौरान सरकार की ओर से यह विधेयक पेश किया जायेगा.
अधिकारों का होगा पूरा विवरण
नये विधेयक में उच्च शिक्षा शिक्षा पर्षद के अधिकार व उसकी क्षमता का पूर्ण विवरण रहेगा. गौरतलब है कि राज्य में नयी सरकार के सत्ता संभालते ही पर्षद के चेयरमैन सुविमल बसु ने इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद सुगत माजिर्त को उच्च शिक्षा पर्षद का दायित्व सौंपा गया.
सत्ता बदलते ही नयी सरकार ने उच्च शिक्षा पर्षद के विभिन्न विषयों की जांच शुरू की. कई मामलों की जांच को पर्षद ने स्वत: इसकी जांच शुरू की, तो कई मामलों की जांच आरोपों के आधार पर शुरू किया गया. इसके बाद पर्षद ने विश्वविद्यालयों को निर्देश देना भी शुरू कर दिया, लेकिन कई विश्वविद्यालयों के प्रबंधनों ने पर्षद के अधिकार को लेकर भी सवाल उठाये. कई बार प्रबंधन के विरोध के बाद पर्षद को अपना फैसला वापस भी लेना पड़ा है, इसलिए राज्य सरकार अब पर्षद के अधिकार व क्षमता को बढ़ाना चाहती है.
नये विधेयक के अनुसार, पर्षद किसी भी विवि से जरूरत पड़ने पर कोई भी फाइल मंगा सकता है. साथ ही किसी भी घटना की जांच पर्षद अपने तरीके से कर सकती है और प्रत्येक विवि को इस जांच प्रक्रिया में पर्षद का साथ देना होगा. अगस्त महीने में विशेष अधिवेशन में उच्च शिक्षा पर्षद संबंधी विधेयक पास होने के बाद ही यह नियम शुरू हो जायेगा.