कोलकाता: राज्य में पंचायत चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने 13 जिलों में विरोधी पार्टियों को करारी शिकस्त दी है. हालांकि राज्य के दो जिले मालदा व उत्तर दिनाजपुर में जिला परिषद का गठन राजनीतिक दावं-पेंच में फंस गया है. यहां के नतीजों के अनुसार, यहां त्रिशंकु हालात बन गये हैं.यहां जिला परिषद का गठन करने के लिए तृणमूल कांग्रेस को विरोधी पार्टियों के साथ मिलकर नये बोर्ड का गठन करना होगा.
बैठक से कबीर सुमन नदारद
मंगलवार को राइटर्स बिल्डिंग में मुख्यमंत्री ने तृणमूल कांग्रेस के सभी लोकसभा व राज्यसभा सांसदों के साथ बैठक की. बैठक में तृणमूल कांग्रेस के बागी सांसद कबीर सुमन को छोड़ कर सभी सांसद उपस्थित रहे.
बैठक में राज्य के 13 जिलों के साथ ही मालदा व उत्तर दिनाजपुर में जिला परिषद के गठन को लेकर भी चर्चा हुई. इस संबंध में पूछे जाने पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद व संसद में पार्टी के मुख्य सचेतक सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि इस संबंध में जो भी फैसला होगा, वह तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी करेंगी. तृणमूल कांग्रेस ने जिला परिषद का गठन करने के लिए हर द्वार खोल रखा है, लेकिन मुख्यमंत्री ही इसकी घोषणा करेंगी.
संसदीय समिति की बैठक के संबंध में उन्होंने कहा कि आगामी छह अगस्त से संसद में मानसून सत्र शुरू हो रहा है. इस सत्र के दौरान तृणमूल कांग्रेस के स्टैंड को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई है.
तेलंगाना पर केंद्र का साथ नहीं
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कह दिया है कि केंद्र सरकार की किसी भी जनविरोधी नीति का समर्थन तृणमूल नहीं करेगी. तेलंगाना मुद्दे पर भी तृणमूल केंद्र सरकार के साथ नहीं है. बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी सांसदों को उनके कोटे के तहत मिलनेवाली राशि को उनके क्षेत्र की आधारभूत सुविधाओं के विकास पर खर्च करने का निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री ने इस बैठक के दौरान सभी सांसदों को उनके क्षेत्र में पंचायत चुनाव के बाद हो रही हिंसा पर अंकुश लगाने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को राज्य की जनता ने स्वीकार किया है, इसके बाद यहां हिंसा का सवाल ही पैदा नहीं होता है. मुख्यमंत्री इन हिंसक घटनाओं से काफी दुखी हैं. उन्होंने पुलिस प्रशासन के साथ ही सांसदों को भी उनके क्षेत्र में कानून-व्यवस्था पर नजर रखने की अपील की है.