कोलकाता: पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री मदन मित्रा को आज यहां एक अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया, जिन्हें सीबीआइ ने सारधा चिटफंड घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. अलीपुर अदालत के न्यायाधीश हरधन मुखर्जी ने मित्रा की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया और उन्हें 30 जनवरी, 2015 तक […]
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री मदन मित्रा को आज यहां एक अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया, जिन्हें सीबीआइ ने सारधा चिटफंड घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. अलीपुर अदालत के न्यायाधीश हरधन मुखर्जी ने मित्रा की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया और उन्हें 30 जनवरी, 2015 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया. जज ने सीबीआइ को आरोपी से 17 से 24 जनवरी के बीच बचाव पक्ष के किसी वकील की मौजूदगी में न्यायिक पूछताछ करने की अनुमति दे दी.
बचाव पक्ष के वकील अशोक मुखर्जी ने कहा कि मित्रा पहले से ही 36 दिन से हिरासत में हैं और उनकी और अधिक हिरासत की जरुरत नहीं है.जमानत अर्जी दाखिल करते हुए उन्होंने कहा कि आरोपी को काफी पहले हिरासत में लिया गया था लेकिन अभी तक सीबीआइ उनके खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल नहीं कर सकी है.
सुनवाई की शुरुआत में न्यायाधीश ने बचाव पक्ष के कुछ वकीलों के साथ नाखुशी जताई जिन्होंने मित्रा को रिहा करने के लिए अदालत में शोर मचाया. अदालत कक्ष में बडी संख्या में मित्रा के समर्थक थे जिन्होंने मित्रा के आते और जाते समय ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाये.मित्रा ने अदालत में कहा कि जिस तरह सज्जन अग्रवाल का नाम सीबीआइ के आरोपपत्र में है लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है, उसी तरह उनके साथ भी ऐसा रवैया अपनाया जाना चाहिए. उन्होंने जांच एजेंसी के साथ पूरी तरह सहयोग का आश्वासन दिया.सीबीआइ के वकील ने कहा कि मित्रा की और अधिक हिरासत की जरुरत है क्योंकि और भी सबूत इकट्ठे किये गये हैं. उन्होंने आरोपी से न्यायिक पूछताछ की प्रार्थना की. उन्होंने कहा कि सीबीआइ पूरक आरोपपत्र तैयार कर रही है.