कोलकाता: मुर्शिदाबाद में पंचायत चुनाव के बाद भी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. मतदान के एक दिन बाद मंगलवार को जिले में हिंसक घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गयी, जबकि वीरभूम में एक व्यक्ति की जान चली गयी.
अपहरण कर हत्या
मुर्शिदाबाद के रानीतला के लक्ष्मीनारायणपुर में पायेरुद्दीन शेख नाम के कांग्रेस समर्थक की हत्या कर दी गयी. मुर्शिदाबाद जिले के ही नूतनग्राम में कांग्रेस समर्थक अजीजुल हक को हमलावर घर से जबरन उठा कर ले गये. बाद में उसकी हत्या कर दी गयी. पुलिस ने इन दोनों कांग्रेस समर्थकों की हत्या के आरोप में कथित रूप से 17 माकपा समर्थकों को गिरफ्तार किया है. उधर, फरक्का थाना क्षेत्र के महेशपुर, छापघाटी, सासोपाड़ा एवं बड़तल्ला गांव में कांग्रेस व सीपीएम के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई और झड़प बमबाजी में तब्दील हो गयी. इस बमबाजी में माकपा समर्थक 32 वर्षीय फोटिक शेख व तीन वर्षीय जशेफ शेख की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी. वहीं एक महिला घायल हो गयी. बमबाजी की सूचना मिलते ही पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और घायल को इलाज के लिए अस्पताल में भारती कराया.
प्राप्त जानकारी के अनुसार बल्लालपुर गांव में भी सीपीएम व कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प में दो लोग घायल हो गये. मुर्शिदाबाद के ही शक्तिपुर में एक तृणमूल समर्थक की हत्या कर दी गयी. दूसरी ओर, सोमवार को चुनावी हिंसा में गंभीर रूप से घायल और मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में भरती हसनपुर के बाशिंदा व माकपा समर्थक मंटू मंडल की मौत हो गयी. मंटू मंडल को सोमवार को चुनावी हिंसा में सिर में गोली लगी थी. सोमवार को ही मतदान के दौरान बीरभूम के पारुई थाना अंतर्गत बांधनवग्राम में निर्दल उम्मीदवार हृदय घोष के पिता सागर घोष गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हुए थे. उन्हें बर्दमान मेडिकल कॉलेज में भरती कराया गया था, जहां मंगलवार की सुबह उनकी मौत हो गयी. गौरतलब है कि अब तक 25 लोग चुनावी हिंसा की भेंट चढ़ चुके हैं.
छापेमारी तेज
दूसरी ओर, मुर्शिदाबाद में केंद्रीय बलों के जवानों व राज्य पुलिस ने छापेमारी तेज कर दी है तथा हिंसा में लिप्त लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है.
चुनाव बाद 15 दिनों तक तैनात रहे केंद्रीय बल
पंचायत चुनाव के दौरान राज्यभर में हिंसक घटनाओं को देखते हुए राज्य चुनाव आयोग ने प्रदेश सरकार को चिट्ठी भेजी है. जानकारी मुताबिक आयोग की ओर से मांग की गयी है कि चुनाव के बाद करीब 15 दिनों तक राज्य में सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती रहनी चाहिए. हिंसक घटनाओं के मद्देनजर केंद्रीय बल की 45 कंपनियों के चुनाव के बाद करीब 15 दिनों तक राज्य में ठहरने को लेकर राज्य सरकार की ओर से जल्द केंद्र से आग्रह किया जायेगा.