रूपनारायणपुर: केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री अनंत गीते ने हिंदुस्तान केबल्स लिमिटेड को बंद करने की घोषणा कर दी है. उन्होंने कहा है कि कंपनी के पुनरुद्धार की कोई संभावना नहीं है.
इसके कर्मियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना में शामिल किया जायेगा. कंपनी की जमीन को लैंड बैंक में शामिल किया जायेगा. इधर, इस निर्णय के विरोध में सभी यूनियनों ने शुक्रवार को सभा की तथा इसके खिलाफ संयुक्त आंदोलन छेड़ने की मंशा जतायी. इस घोषणा के साथ ही पिछले 12 वर्षो से कंपनी के पुनरुद्धार को लेकर चल रही कोशिशें खत्म हो गयीं, जिससे कर्मी हताश हैं. पूजा से पहले उनके लिए यह बड़ा झटका है.
नहीं संभव है पुनरुद्धार
विभागीय सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर मंत्री श्री गीते ने सौ दिनों में अपने कामकाज का ब्योरा दिया. उन्होंने कहा कि उनके मंत्रलय के अंतर्गत 32 कंपनियां हैं, जिसमें 25 कंपनियां रुग्ण हैं. इनमें से अधिकांश के कर्मियों के वेतन का भुगतान सरकार को करना पड़ता है. अभी तक सरकार तीन हजार करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है. इन कंपनियों के कर्मियों के सात माह के वेतन के लिए 287 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. न्होंने कहा कि इन कंपनियों में एचसीएल सहित पांच कंपनियां शामिल हैं, जिनका पुनरुद्धार संभव नहीं है. इस कारण सरकार ने इन कंपनियों को बंद करने व इसके कर्मियों को वीआरएस देने का निर्णय लिया है. इस मद में 1080 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गयी है. उन्होंने कहा कि इन कंपनियों की जमीन लैंड बैंक में शामिल की जायेंगी. लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह जमीन सरकारी कंपनियों को दी जायेगी या निजी कंपनियों को.
यूनियनों ने जताया रोष
इस सूचना के बाद भड़की केंद्रीय यूनियनों- इंटक, एटक, सीटू और एचएमएस ने शुक्रवार को संयुक्त रुप से प्रतिवाद सभा कारखाने के सामने की. यूनियन नेता उमेश झा, गौतम लाहिड़ी, मधुसूदन घोष और बिरोजा बनर्जी ने कहा कि 20 सितंबर को कोलकाता में सीएमडी के साथ बैठक में पुनरुद्धार को लेकर चर्चा हुयी थी. जिसमें सीएमडी ने कई शर्ते रखी थी. इनमें से कई शर्ते श्रमिक विरोधी थी. किसी भी शर्त का संपूर्ण ब्यौरा नहीं दिया था. यूनियनों ने कंपनी हित में इसका विरोध न करने का निर्णय लिया था. लेकिन सरकार के इस निर्णय के बाद स्थिति पूरी तरह से पलट गयी है. उन्होंने इस मुद्दे पर एकजुट होकर आंदोलन करने पर जोर दिया.
बंदी का प्रस्ताव, आशा बाकी
इंटक नेता उमेश झा ने कहा कि मंत्रालय ने इसकी बंदी का प्रस्ताव देने की घोषणा की है. इसे मंजूरी के लिए केबिनेट में भेजा जायेगा. केबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद ही इसकी बंदी को स्वीकृति मानी जायेगी. उन्होंने कहा कि यूनियनों का संयुक्त अभियान जारी है.
पूजा से पहले वेतन नहीं, होगा अग्रिम भुगतान
मंत्रालय से राशि आवंटन के बाद भी दुर्गा पूजा से पूर्व कर्मियों को उनके सात माह का वेतन नहीं मिला है. कोलकाता कॉरपोरेट कार्यालय से कर्मियों के खाते में 10 हजार रुपये बतौर अग्रिम राशि बतौर शुक्रवार को जमा कराये गये. संभावना है कि शेष राशि का भुगतान काली पूजा के पहले हो जायेगा. कंपनी के बंद होने की सूचना के बाद से कर्मियों में भारी हताशा और मायूसी है.