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गुरुवार से खुलेगा डनलप कारखाना

कोलकाता : हुगली जिले के शाहगंज स्थित डनलप कारखाना की समस्या का समाधान हो गया है और गुरुवार (25 सितंबर) से यह कारखाना फिर से खुल जायेगा. यह घोषणा राज्य के श्रम मंत्री मलय घटक ने की. गौरतलब है कि सोमवार को डनलप को फिर से खोलने के लिए श्रम मंत्री के नेतृत्व में त्रिपक्षीय […]

कोलकाता : हुगली जिले के शाहगंज स्थित डनलप कारखाना की समस्या का समाधान हो गया है और गुरुवार (25 सितंबर) से यह कारखाना फिर से खुल जायेगा. यह घोषणा राज्य के श्रम मंत्री मलय घटक ने की. गौरतलब है कि सोमवार को डनलप को फिर से खोलने के लिए श्रम मंत्री के नेतृत्व में त्रिपक्षीय बैठक हुई और यह बैठक करीब सात घंटे तक चली.

बैठक के बाद श्रम मंत्री ने बताया कि वर्ष 2011 के अक्तूबर महीने में कारखाने के बंद होने के बाद इसे खोलने को लेकर यह 10 वीं बैठक थी, जो सफल रही. इस बैठक में कारखाने की तीन यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ-साथ प्रबंधन के भी प्रतिनिधि उपस्थित रहे. बैठक के दौरान प्रबंधन श्रमिकों के बकाया राशि के भुगतान के लिए राजी हो गया है.

पहली बार में बकाया राशि के पांच हजार रुपया श्रमिकों को दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि इसके साथ यहां कार्य कर रहे जिन लोगों की मौत हो गयी है, उनके परिजनों को भी मुआवजा दिया जायेगा. जानकारी के अनुसार, कारखाने में फिलहाल कुल श्रमिकों की संख्या 555 है, जबकि यहां के करीब 1412 श्रमिकों के वेतन सहित अन्य सुविधाएं बकाया हैं. गौरतलब है कि 25 सितंबर को श्रम मंत्री मलय घटक स्वयं कारखाने का दौर करेंगे और वहां की परिस्थिति का जायजा लेंगे.

वहीं, इस संबंध में डनलप कंपनी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, श्रम मंत्री मलय घटक द्वारा दिये गये आश्वासन व सुझाव पर प्रबंधन ने फिर से यहां उत्पादन शुरू करने का फैसला किया है. कारखाना खोलने को लेकर त्रिपक्षीय समझौता भी किया गया है, जिसके अनुसार कई चरणों में यहां उत्पादन शुरू किया जायेगा. प्रबंधन ने इसके लिए राज्य सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि यहां जल्द ही फिर से उत्पादन शुरू हो जायेगा.

डनलप खुलने की खबर से श्रमिकों में खुशी

हुगली के साहागंज स्थित एशिया का मशहूर ऐरो टायर बनानेवाला कारखाना खुलने की खबर से मजदूरों में खुशी का माहौल है. सोमवार को यह खबर मिलते ही मजदूरों ने राहत की सांस ली. दुर्गापूजा के पहले 25 सितंबर को यह कारखाना खुल रहा है. मजदूरों ने बताया कि वर्ष 2011 में आठ अक्तूबर से यह कारखाना बंद पड़ा है. कारखाना खुलने से यहां के मजदूरों की आर्थिक हालत ठीक होगी.

श्रमिकों ने बताया कि 30 नवंबर 2008 को कारखाना बंद कर दिया गया था. इसके बाद दो दिसंबर 2009 को फिर से खोला गया. इसके तुरंत बाद आठ अक्तूबर 2011 को दोबारा तालाबंदी हो गयी. वर्तमान में इस कारखाने में 550 मजदूर कार्यरत हैं, जबकि कई मजदूरों का पीएफ व और ग्रेच्युटी बकाया है.

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