पानागढ़: बीरभूम जिले के बोलपुर तृणमूल कांग्रेस कार्यालय से अपहृत नेता आजाद मुंशी का शव बर्दवान जिले की सीमा पर स्थित अजय नदी के किनारे मंगलवार को बरामद हुआ.
पुलिस का कहना है कि उसकी हत्या के बाद शव को फेंका गया है. बोलपुर, नानूर और मंगलकोट थाना क्षेत्रों में भारी तनाव है. नानूर और मंगलकोट थाना पुलिस पहुंची, लेकिन सीमा को लेकर काफी समय तक जिच बना रहा. मंगलकोट थाना पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया.
मृतक के भाई तृणमूल नेता अंजन मुंशी ने हत्या का आरोप पार्टी के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल पर लगाया है. उन्होंने कहा कि अनुब्रत के साथ उनके भाई की नहीं बनती थी. नानूर, बोलपुर और मंगलकोट में आजाद काफी लोकप्रिय थे. अनुब्रत और मंगलकोट के थाना प्रभारी ने षडयंत्र कर 22 लाख रुपये की सुपारी देकर उसके भाई का अपहरण कराया और इसके बाद हत्या करा दी.
हत्या के बाद शव को दोनों जिलों के विवादित भूमि पर फेंक दिया गया है. उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को देकर इंसाफ की गुहार लगायेंगे. उन्होंने तृणमूल नेता अपूर्व चौधरी पर भी सवाल उठाया है. मालूम हो कि तीन सितंबर को पार्टी कार्यालय से ही आजाद मुंशी का अपहरण किया गया था.
दर्ज थे 29 मामले
आजाद मुंशी वाम मोरचा के शासन में डब्ल्यू अंसारी का बायां हाथ था. बीरभूम और बर्दवान की कई आपराधिक घटनाओं में उसकी संलिप्तता के आरोप लगते थे. लेकिन सरकार परिवर्तन के बाद वह तृणमूल में शामिल हो गया. आजाद के खिलाफ दोनों जिलों के विभिन्न थानों में 29 आपराधिक मामले दर्ज थे. तृणमूल नेता अनुब्रत मंडल ने हत्या के पीछे अपना हाथ होने से इनकार किया है. सीपीएम के जिला सचिव दिलीप गांगुली ने हत्या को तृणमूल के गुटीय विवाद का परिणाम बताया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.