कोलकाता: राज्य के आलू व्यवसायी दूसरे राज्यों को आलू भेजने पर लगी रोक हटाने और जब्त तथा सड़े आलू के लिए मुआवजे की मांग को लेकर सोमवार से बेमियादी हड़ताल पर चले गये. सोमवार को हुगली जिले के आरामबाग में पश्चिम बंगाल प्रोग्रेसिव आलू व्यवसायी समिति के कोर ग्रुप की बैठक हुई.
बाद में समिति के महासचिव वरेन मंडल ने कहा कि 31 अगस्त को तृणमूल कांग्रेस महासचिव मुकुल राय के साथ बैठक हुई थी. उस समय श्री राय ने सितंबर के पहले हफ्ते में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से हमारी मुलाकात कराने का आश्वासन दिया था. इस आश्वासन के बाद हमने एक सितंबर से अपनी प्रस्तावित हड़ताल स्थगित कर दी थी. लेकिन मुकुल राय ने अपना वादा पूरा नहीं किया.
श्री मंडल ने कहा कि राज्य सरकार आलू बाहर भेजने पर लगी रोक पूरी तरह हटाने के लिए तैयार नहीं है. इसमें सीमा बांध रखी है. जब्त आलू सड़ कर बरबाद हो गया है. सरकार की ओर से कोई मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. इधर, 700 मीट्रिक टन से अधिक आलू दूसरे राज्यों में नहीं भेजने का फरमान जारी कर दिया गया है. यह स्थिति हमारे लिए जीवन-मरण का है. अब अनिश्चितकालीन हड़ताल के सिवा कोई विकल्प नहीं बचा है.
श्री मंडल ने कहा कि आलू व्यवसायियों पर पुलिस का अत्याचार जारी है. पुरुलिया में आलू व्यवसायी के साथ पुलिस ने मारपीट की है. इसके खिलाफ मंगलवार को पूरे राज्य के आलू व्यवसायी काला बैच लगा कर विरोध प्रदर्शन करेंगे. दूसरी ओर, आलू व्यवसायियों की हड़ताल के मद्देनजर फिर से आलू की कीमत बढ़ सकती है. फिलहाल कोलकाता के बाजारों में ज्योति आलू 20 रुपये प्रति किलोग्राम तथा चंद्रमुखी आलू 22 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.