कोलकाता: करोड़ों रुपये के सारधा चिटफंड घोटाले में सीबीआइ ने बुधवार को इस्ट बंगाल क्लब के वरिष्ठ अधिकारी देबब्रत सरकार को गिरफ्तार कर लिया. देबब्रत सरकार से सीबीआइ पहले ही दो बार पूछताछ कर चुकी थी. बुधवार सुबह सरकार को सॉल्टलेक स्थित कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था. तीन चरणों में हुई पूछताछ के दौरान उनके बयान में अंतरविरोध पाया गया, जिसके बाद सीबीआइ ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. गुरुवार को उन्हें अदालत में पेश किया जायेगा. संभावना है कि आगे की पूछताछ के लिए सीबीआइ अदालत से सरकार की कस्टडी मांगेगी.
किस आरोप में हुई गिरफ्तारी: सीबीआइ अधिकारियों के मुताबिक, सुदीप्त सेन की चिट्ठी में देबब्रत सरकार के सारधा मामले से जुड़े होने की बात सामने आयी थी. सरकार के पहले दो बार पूछताछ हो चुकी थी. हर महीने उनके बैंक खाते में 80 लाख रुपये मिलने को लेकर उनसे सवाल पूछे गये थे. जिसमें उन्होंने क्लब के विकास के लिए रुपये लेने की बात कही थी.
गत 14 अगस्त को उनके फ्लैट में छापेमारी की गयी. जहां वर्ष 2012 के जून महीने में 25 लाख रुपये के फिक्स्ड डिपॉजिट के कागजात सीबीआइ को हाथ लगे. बाजार नियामक सेबी व सारधा समूह के प्रमुख सुदीप्त सेन से संबंधित काफी कागजात जब्त किये गये. इस मामले में देबब्रत से पूछताछ की गयी, लेकिन उन्होंने कोई साफ जवाब नहीं दिया. जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. अधिकारियों का कहना है कि सुदीप्त सेन की कंपनी को ब्लैकलिस्ट में डाले जाने को लेकर सेबी का एक पत्र सुदीप्त को भेजा गया था. सूत्रों के मुताबिक, देबब्रत ने सेबी के कुछ अधिकारियों से मिलकर मामला रफा-दफा करने की बात कहकर सुदीप्त सेन से पांच करोड़ रुपये ऐंठ लिए. इसके अलावा हर महीने 80 लाख रुपये लेता रहा. इसका जिक्र सुदीप्त ने सीबीआइ को दिये अपने पत्र में किया है.
गौरतलब है कि चिटफंड घोटाले की जांच सीबीआइ के अपने हाथ में लेने के बाद यह पहला अवसर है जब उसने किसी प्रभावशाली व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. सीबीआइ इस मामले में पहले से गिरफ्तार चिटफंड कंपनी सारधा के प्रमुख सुदीप्त सेन, देवयानी मुखोपाध्याय, पत्रकार व तृणमूल कांग्रेस से निलंबित सांसद कुणाल घोष, अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती व तृणमूल सांसद अर्पिता घोष से पूछताछ कर चुकी है.
दूसरी तरफ, इसी घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने सोमवार को राज्य के वस्त्र मंत्री श्यामपद मुखर्जी और फिल्म कलाकार अपर्णा सेन से पूछताछ की थी. इडी सारधा समूह द्वारा प्रकाशित एक पत्रिका की संपादक के रूप में अभिनेत्री और फिल्म निर्देशक अपर्णा सेन की भूमिका की जांच कर रहा है. पिछले साल बड़ी संख्या में निवेशकों ने आरोप लगाया था कि फर्जी पोंजी स्कीमों के जरिये उनकी मेहनत से कमाई गयी राशि ठग ली गयी. वहीं, श्यामपद मुखर्जी के खिलाफ आरोप लगाया गया था कि उन्होंने एक नुकसान वाली सिमेंट कंपनी को करोड़ों रुपये में बेच कर सुदीप्त से काफी रकम बटोरी थी. इस मामले की जांच कर रही एजेंसियों में इडी, सीबीआइ, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा और असम की राज्य पुलिस भी शामिल है.