चिटफंड घोटाला. सीबीआइ ने तेज की जांच की गति
ओड़िशा में चिटफंड कंपनी का निदेशक गिरफ्तार
नयी दिल्ली/कोलकाता : सीबीआइ ने ओड़िशा स्थित एक चिटफंड कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी को करोड़ों रुपये के फरजी निवेश घोटाले में शनिवार को गिरफ्तार कर लिया. यह अधिकारी भुवनेश्वर स्थित अपने आवास के पीछे स्थित एक कुएं में छुपा हुआ था.
सीबीआइ ने शनिवार को चिटफंड घोटाले में कोलकाता, महाराष्ट्र के मुंबई, असम के गुवाहाटी और ओड़िशा में करीब 60 स्थानों पर छापेमारी के बाद अर्थ तत्व समूह के निदेशक और एक स्थानीय कांग्रेस नेता संबित खुंटिया पर ध्यान केंद्रित किया जो करीब एक महीने से गिरफ्तारी से बच रहा था. एजेंसी सूत्रों ने दावा किया कि सीबीआइ दल जब शनिवार सुबह भुवनेश्वर स्थित उसके आवास पर पहुंचा तो उसकी पत्नी और उसकी मां ने दावा किया कि खुंटिया घर में नहीं है.
यद्यपि सीबीआइ अधिकारियों ने खुंटिया को घर के पीछे स्थित एक कुएं में छुपा पाया. इसके अलावा टेलीविजन धारावाहिक निर्माता और स्टॉक ब्रोकर दीपक पारेख के मुंबई स्थित आवास के साथ ही बहरमपुर, बालेश्वर और भुवनेश्वर में 54 स्थानों पर छापेमारी की गयी. पारेख ने कथित तौर पर सेबी और एमसीएक्स से अर्थ तत्व समूह के लिए लाइसेंस प्राप्त किया था. सीबीआइ सूत्रों ने बताया कि बीजद विधायक प्रवत त्रिपाठी, ओड़िशा क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव आशीर्वाद बेहरा, सूर्य प्रभा अखबार के मालिक विकास स्वैन, कामयाब टीवी के मालिक मनोज दास और सत्यव्रत लेंका के परिसरों की तलाशी ली गयी. इसके साथ ही व्यापक अभियान के दौरान चिटफंड कंपनी के निदेशकों चंद्रिका पटनायक, राधाकृष्ण पाधी, झूमा चक्रवर्ती के परिसरों की भी तलाशी ली गयी जिसके दौरान एजेंसी ने इस मामले से संबंधित कुछ दस्तावेज भी जब्त किये.
संपर्क किये जाने पर त्रिपाठी ने पुष्टि की कि सीबीआइ ने उनके परिसरों में छापेमारी की लेकिन घोटाले में किसी संलिप्तता से इनकार किया. उन्होंने कहा, ‘मेरा चिटफंड घोटाले से कोई संबंध नहीं है.’ सीबीआइ अधिकारियों ने कहा कि चिटफंड घोटाले के संबंध में सीबीआइ अधिकारियों ने खुर्दा स्थित उनके पैतृक आवास के साथ ही दो अन्य आधिकारिक आवासों पर छापेमारी की जिसमें कटक और भुवनेश्वर आवास शामिल हैं. सीबीआइ ने कहा है कि विधायक कुछ आरोपियों से संरक्षण में धनराशि ले रहा था जिससे त्रिपाठी ने इनकार किया है.
त्रिपाठी ने दावा किया कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वह चिट फंड कंपनियों की कुछ बैठकों में शामिल हुए थे. संपर्क किये जाने पर बेहरा ने सीबीआइ द्वारा की गयी छापेमारी पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
प्राथमिकियों में कम से कम ओड़िशा की 44 चिटफंड कंपनियों का उल्लेख है जिनका 2013 में दायर दीवानी रिट याचिका पर नौ मई के उच्चतम न्यायालय के आदेश में उल्लेख है.
सीबीआइ जांच के नाम पर राजनीति: हकीम
कोलकाता. सारधा चिटफंड घोटाले की सीबीआइ जांच पर कटाक्ष करते हुए राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि सीबीआइ जांच के नाम पर राजनीति हो रही है. सबसे पहले कंपनी में हुए घोटाले से जिन लोगों को नुकसान हुआ है, उनको रुपया वापस देने की पहल होनी चाहिए, लेकिन निवेशकों को उनकी धनराशि वापस लौटाने की बजाय अलग ही दिशा में जांच चल रही है. इस जांच से जिन लोगों का रुपया डूबा है, उनको कोई फायदा नहीं होगा.
कोलकाता में सारधा प्रमुख सुदीप्त सेन के दफ्तर पर फिर छापा
कोलकाता : सीबीआइ ने सॉल्टलेक के मिडलैंड पार्क स्थित सारधा समूह के कॉरपोरेट ऑफिस में फिर छापेमारी की . इससे पहले भी यहां तलाशी ली गयी थी. पिछली छापेमारी के दौरान सीबीआइ की टीम के साथ अर्मिन आरा भी थी, जो सारधा समूह के प्रमुख सुदीप्त सेन के इस कार्यालय में अकाउंटेंट के तौर पर काम करती थी. सूत्रों के अनुसार, मिडलैंड पार्क स्थित कंपनी के कॉरपोरेट ऑफिस से सीबीआइ की टीम ने कंप्यूटरों के 32 सीपीयू, 18 हार्डडिस्क और आठ बिल जब्त किये हैं. सीबीआइ चिटफंड घोटाले में ज्यादा से ज्यादा दस्तावेज हासिल करने की कोशिश में जुटी है. साथ ही इस घोटाले में किसी प्रभावशाली व्यक्तिके शामिल होने की बात का पता लगाने की भी कवायद जारी है.