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हावड़ा में हजारों छात्र-छात्रओं के जीवन से खिलवाड़, फूटा गुस्सा

हावड़ा: जिले के लिलुआ में जीटी रोड के खस्ताहाल होने के कारण हजारों छात्र-छात्राओं को रोजाना जान जोखिम में डाल कर आवाजाही करनी पड़ती है. बीच सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बन जाने के कारण आये दिन हादसे हो रहे हैं. बरसात के इस मौसम में गड्ढों में पानी भर जाने से स्कूली रिक्शा वैन, साइकिल, […]

हावड़ा: जिले के लिलुआ में जीटी रोड के खस्ताहाल होने के कारण हजारों छात्र-छात्राओं को रोजाना जान जोखिम में डाल कर आवाजाही करनी पड़ती है. बीच सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बन जाने के कारण आये दिन हादसे हो रहे हैं.

बरसात के इस मौसम में गड्ढों में पानी भर जाने से स्कूली रिक्शा वैन, साइकिल, बाइक वगैरह पलट जा रहे हैं. रोज-रोज की परेशानियों से आजिज अभिभावकों का गुस्सा मंगलवार को फूट पड़ा. लिलुआ में जीटी रोड पर सैकड़ों अभिभावकों ने चार घंटे तक पथावरोध किया. प्रदर्शन में इलाके के कई स्कूलों के प्रिंसिपल और अन्य शिक्षकों ने भी हिस्सा लिया. एडीसीपी (उत्तर) शिवानी तिवारी समेत तमाम अफसर मौके पर पहुंचे. लोक निर्माण विभाग के सहायक इंजीनियर के मौके पर पहुंचने और उनकी ओर से मार्ग दुरुस्त करने का आश्वासन मिलने के बाद ही पथावरोध हटाया गया.

क्या है समस्या

उत्तर हावड़ा के लिलुआ में एक से डेढ़ किलोमीटर के दायरे में 10 से अधिक स्कूल हैं. रोजाना 30 हजार छात्र-छात्राएं विभिन्न जगहों से यहां पहुंचते हैं. लिलुआ जीटी रोड स्थित एमसी केजरीवाल विद्यापीठ से लेकर सत्यबाला टेलीफोन एक्सचेंज तक रोड की हालत बेहद जजर्र है.

अभिभावकों के अनुसार, जीटी रोड पर बड़े गढ्ढे होने की वजह से आये दिन स्कूल वैन, रिक्शा, साइकिल, बाइक व छोटे वाहन दुर्घटना के शिकार होते हैं. दुर्घटना होने पर छात्र-छात्राएं घायल हो जाते हैं जिससे वे स्कूल नहीं पहुंच पाते हैं. पिछले कुछ दिनों से बारिश होने के कारण उन गढ्ढों में पानी भर गया है, जिससे परेशानी और बढ़ गयी है. अभिभावकों ने बताया कि पिछले डेढ़ महीने से जीटी रोड को कंक्रीट किया जा रहा है. इस बाबत आधी सड़क को कंक्रीट से बनाया गया है. उस कंक्रीट सड़क पर फिलहाल वाहनों की आवाजाही बंद है. बाकी बची आधी सड़क से वाहनों का आवागमन हो रहा है लेकिन उस सड़क पर बड़े गढ्ढे व उन गढ्ढों पर बारिश का पानी जमने के कारण स्थिति विकराल हो गयी है.

चार घंटे चला प्रदर्शन

मंगलवार सुबह बच्चों को स्कूल पहुंचाने के बाद अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा. जीटी रोड पर सैकड़ों की तादाद में अलग-अलग स्कूलों के अभिभावक एकत्रित हुए व पथावरोध करने लगे. अभिभावकों की मांग पर उस इलाके के सभी स्कूलों के प्रिसिंपल भी वहां पहुंचे व प्रदर्शन में शामिल हो गये. तकरीबन चार घंटे तक अवरोध चला. इस बीच एडीसीपी शिवानी तिवारी भी वहां पहुंचीं व समझाने की कोशिश की लेकिन अवरोध जारी रहा. अभिभावकों व प्रिसिंपल की मांग पर 11.30 बजे पीडब्लयूडी विभाग के सहायक इंजीनियर वहां पहुंचे व उनके आश्वासन पर पथावरोध हटाया गया. सहायक इंजीनियर ने 24 घंटे के अंदर सड़क को ठीक करने का आश्वासन दिया है.

पथावरोध से परेशानी भी हुई

घंटों चले जाम से लिलुआ से लेकर सलकिया तक का पूरा इलाका अचल हो गया. ऑफिस का समय होने के कारण लोग घंटों जाम में फंसे रहे. अग्रसेन ब्वॉयज के अध्यक्ष व अग्रसेन कॉलेज के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य ट्रस्टी बासुदेव टिकमानी ने बताया कि इस इलाके में जिले के नामी स्कूल-कॉलेज स्थित हैं. जिसमें लगभग 30 हजार छात्र-छात्रएं पढ़ने आते हैं. ऐसे में जीटी रोड जैसे राष्ट्रीय सड़क की बदहाली के कारण आये दिन बच्चे सड़क पर बने गड्ढों में गिर जाते हैं. लिलुआ स्कूल के प्रिंसिपल पीए जोस ने बताया कि केवल जीटी रोड ही नहीं बल्कि डॉन बॉस्को स्कूल के मुख्य गेट के साने की सड़क की भी स्थिति काफी दयनीय है. इस इलाके में सड़कों पर इतना कीचड़ होता है कि पैदल चलना भी दूभर हो गया है.

प्रदर्शन में शामिल हुए

अग्रसेन बालिका शिक्षा सदन के प्रिसिंपल सरोज कुमार श्रीवास्तव, अग्रसेन ब्वॉयज के सीइओ अबिरा दास, डॉन बॉस्को लिलुआ के प्रिसिंपल ब्रदर जोस, एमसी केजरीवाल विद्यापीठ के प्रिसिंपल नील कंठ गुप्ता के अलावा डॉन बॉस्को, सनराइज, रोस बर्ड, सेंट डेनिस स्कूलों के प्रिसिंपल और शिक्षक प्रदर्शन में शामिल हुए. इस मौके पर हावड़ा जिला गार्जियन एसोसिएशन के उपाध्यक्ष विनय अग्रवाल, दिनेश शर्मा, स्थानीय निवासी मोहम्मद इम्तियाज,राजेश अग्रवाल, योगेश सिंह, विवेक सिंह व अन्य मौजूद रहे.

प्रिंसिपल का कहना है

सड़क की हालत पूरी तरह जजर्र है. तकलीफ सहने की भी एक सीमा होती है. आये दिन हमारे छात्र-छात्रएं दुर्घटना के शिकार होते हैं. कुछ दिनों पहले मेरे स्कूल का प्लम्बर विश्वजीत दास बाइक सहित गड्ढे में गिर गया. हादसे में लोहे की एक छड़ उसके पैर में घुस गयी. अब एक रिक्शा के पलटने से छात्र व उसकी मां घायल हो गयी. स्कूल आने में सिर्फ विद्यार्थियों को ही नहीं, शिक्षकों को भी जहमत उठानी पड़ती है. नील कंठ गुप्ता,

प्रिसिंपल, एमसी केजरीवाल विद्यापीठ

जीटी रोड कंक्रीट का बनाया जा रहा है. यह सही फैसला है, लेकिन समय सही नहीं है. बारिश का मौसम होने से समस्या दोगुनी हो गयी है. हम सभी का काम शिक्षा देना है, न कि पथावरोध करना. बावजूद इसके अभिभावकों के साथ हम प्रिसिंपल भी सड़क पर उतरे व प्रदर्शन में शामिल हुए. सिर्फ अग्रसेन स्कूल के 6000 बच्चे यहां आते हैं.सड़कों की हालत इतनी बदहाल है कि शब्दों में भी बयां करना मुश्किल है. पीडब्ल्यूडी के सहायक इंजीनियर ने 24 घंटे का समय मांगा है. उम्मीद है कि उनका आश्वासन बेकार नहीं जायेगा. सरोज कुमार श्रीवास्तव,

प्रिसिंपल, अग्रसेन बालिका शिक्षा सदन

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