आलू-प्याज का संचय नहीं करना चाहती राज्य सरकार
कोलकाता : केंद्र सरकार ने आलू व प्याज को आवश्यक कोमोडिटी एक्ट, 1955 के तहत संचय करने का फैसला किया है. केंद्र ने राज्य को यहां की मांग के अनुसार आलू व प्याज संचय करने का आदेश दिया था, लेकिन राज्य सरकार ने केंद्र के इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया है. इस संबंध में राज्य के कृषि, कृषि विपणन और खाद्य व आपूर्ति विभाग के मंत्रियों व अधिकारियों ने आपस में बैठक की.
बैठक में तय किया गया कि राज्य सरकार इस प्रकार से आलू-प्याज का संचय कर नहीं रख सकती है. इस संबंध में तीनों विभागों द्वारा सम्मिलित रूप से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के समक्ष रिपोर्ट पेश की जायेगी, जिससे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ आवाज उठा सकें.
केंद्र सरकार ने आलू व प्याज की बढ़ती कीमत को देखते हुए दोनों उत्पादों के लिए राज्य सरकार को जमाखोरी की मात्र तय करने का प्रस्ताव दिया. केंद्र सरकार द्वारा भेजा गया यह प्रस्ताव, कुछ दिन पहले ही राज्य के खाद्य व आपूर्ति विभाग के पास पहुंचा है.
केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव पर राज्य के कृषि विभाग ने आपत्ति जताते हुए कहा कि अगर आलू की स्टॉक होल्डिंग सीमा तय की गयी, तो इससे किसानों को नुकसान होगा. बंगाल में मांग से अधिक आलू की पैदावार होती है, ऐसे में अगर आलू संचय की सीमा तय कर दी गयी, तो अतिरिक्त आलू बेकार हो जायेंगे और इससे किसानों को नुकसान होगा. इससे आलू की कीमत कम हो जायेगी और किसानों को उनकी पैदावार का सही दाम नहीं मिलेगा.
वहीं, प्याज के संबंध में राज्य सरकार का मानना है कि बंगाल में प्याज संचय कर रखने के लिए पर्याप्त संख्या में स्टोरेज सुविधा नहीं है और यहां का मौसम ऐसा है कि इससे यहां संचय कर रखा नहीं जा सकेगा. इसलिए राज्य सरकार यहां आलू व प्याज को जमा कर नहीं रखना चाहती है.