कोलकाता: खाद्य व आपूर्ति विभाग ने विभिन्न उत्पादों के लिए लाइसेंस वितरण प्रणाली को और बेहतर व पारदर्शी करने के लिए ऑनलाइन सिस्टम शुरू करने का फैसला किया है. खाद्य वितरण संबंधी सभी लाइसेंस अब सिर्फ ऑनलाइन ही दिये जायेंगे.
यह जानकारी मंगलवार को राज्य के खाद्य व आपूर्ति मंत्री ज्योति प्रिय मल्लिक ने विधानसभा में संवाददाताओं को दी. उन्होंने बताया कि नवंबर से खाद्य व आपूर्ति विभाग इस सेवा को शुरू करना चाहता है. ऑनलाइन पद्धति से कई फायदे होंगे. जिन लोगों को खाद्य विभाग से वितरण संबंधी लाइसेंस लेना है, उन्हें अब कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने होंगे. साथ ही कार्य प्रणाली में पारदर्शिता आयेगी और लाइसेंस दिलाने के नाम पर हो रहे भष्ट्राचार भी खत्म होंगे.
गौरतलब है कि खाद्य विभाग की ओर से राशन दुकान, केरोसिन डीलर, फेयर प्राइस शॉप, एलपीजी डीलरशीप सहित अन्य लाइसेंस जारी किये जाते हैं. खाद्य मंत्री ने बताया कि नये सिस्टम के अनुसार, इच्छुक लोग ऑनलाइन आवेदन के साथ ही लाइसेंस फीस का भुगतान भी कर पायेंगे. ऑनलाइन भुगतान क्रेडिट या डेबिट कार्ड से किया जा सकेगा.
प्रत्येक जिले में सतर्कता टीम की संख्या में होगी वृद्धि
उन्होंने बताया कि वितरण प्रणाली पर नजर रखने के लिए खाद्य व आपूर्ति विभाग ने सतर्कता टीम के सदस्यों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है. प्रत्येक जिले में सतर्कता टीम की संख्या को एक से बढ़ा कर दो किया जायेगा. प्रत्येक टीम में चार सदस्य होंगे.
इन चार सदस्यों में से एक सदस्य क्वालिटी कंट्रोल ऑफिसर होगा. साथ ही राज्य सरकार ने बंगाल में स्थित सभी आटा मिलों में एक डिप्टी क्वालिटी कंट्रोल ऑफिसर नियुक्त करने का फैसला किया है. इस डिप्टी क्वालिटी कंट्रोल ऑफिसर की ड्यूटी की स्थायी नहीं होगी. इन्हें प्रत्येक सात दिनों के अंतराल पर अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया जायेगा. इससे यह सुनिश्चित हो जायेगा कि एक इंस्पेक्टर और मिल प्रबंधन के बीच कोई संबंध नहीं है. उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से पहले ही एक नया सिस्टम शुरू किया गया है, जिसके तहत कोई भी व्यक्ति विभाग के खिलाफ किसी भी प्रकार की शिकायत वेबसाइट के माध्यम से जमा करा सकते हैं. इसके बाद वह अपने द्वारा शिकायत व उसके बाद लिये गये एक्शन की जानकारी भी वेबसाइट पर देख पायेंगे.