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बिहार की एसटीएफ ने कुख्यात बैंक डकैत माधव को दबोचा : आसनसोल, रानीगंज बैंक डकैतियों में स्वीकारी संलिप्तता
आसनसोल : इंडियन बैंक की आरके मिशन शाखा (आसनसोल) में बीते चार जुलाई को 38 लाख रुपये तथा कैनरा बैंक की रानीगंज शाखा से बीते 23 फरवरी को 24 लाख रुपये की डकैती करनेवाले गिरोह के सरगना माधव दास को बिहार का स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने धनबाद से गिरफ्तार कर लिया. उसने इन सभी […]
आसनसोल : इंडियन बैंक की आरके मिशन शाखा (आसनसोल) में बीते चार जुलाई को 38 लाख रुपये तथा कैनरा बैंक की रानीगंज शाखा से बीते 23 फरवरी को 24 लाख रुपये की डकैती करनेवाले गिरोह के सरगना माधव दास को बिहार का स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने धनबाद से गिरफ्तार कर लिया.
उसने इन सभी डकैतियों में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है. उसके गिरोह ने पश्चिम बंगाल, झारखंड, उड़ीसा तथा बिहार में आतंक फैला रखा है. पुलिस आयुक्त लक्ष्मी नारायण मीना ने कहा कि कैनरा बैंक डकैती कांड में माधव को ट्रांजिट रिमांड पर लेने के लिए सोन अरेस्ट की प्रक्रिया आरम्भ की गयी है. जबकि इंडियन बैंक डकैती कांड की जांच सीआईडी के जिम्मे है. इसलिए सीआईडी अपने स्तर से सोन अरेस्ट की अपील करेगा.
धनबाद से गिरफ्तार बैंक डकैत माधव दास उर्फ अमरेंद्र कुमार माधव उर्फ सुजीत कुमार मित्तल उर्फ गुरुजी उर्फ साहब उर्फ उमेश कुमार उर्फ उमेश दास को पुलिस ने मंगलवार को गया जिला कोर्ट के सीजीएम के समक्ष पेश किया. सीजीएम कोर्ट ने उसकी जमानत खारिज कर उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. उसे रिमांड पर लेने के लिए कई राज्यों की पुलिस गया पुलिस के संपर्क में हैं.
कैसे हुई गिरफ्तारी
बीते नौ जुलाई को इसके दो साथी राजेश व ओमप्रकाश को बराचट्टी पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उस समय माधव भी उनके साथ था. लेकिन वह पुलिस को चकमा देकर भाग निकला था. दोनों से फूछताछ में माधव के मास्टरमाइंड होने की बात सामने आयी. दोनों की निशानदेही पर ही पुलिस माधव की तलाश में जुट गयी थी. इसके लिए स्पेशल टास्क फोर्स गठित किया गया था.
दो माह के प्रयास के बाद माधव को गिरफ्तार किया जा सका है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि माधव इतना साधारण वेशभूषा में रह रहा था कि किसी को उस पर शक नहीं हो रहा था. महीनों तक मुखबिर को उसके पीछे लगाने के बाद ही उसकी गिरफ्तारी हो सकी है. उसके पास से एक लॉकर (तिजोरी) मिला है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि अब तक माधव पूछताछ में कहता रहा है कि लॉकर में महज दो हजार रुपये हैं. इसका खुलासा करने के लिए मजिस्ट्रेट की मांग की गयी है.
माधव के पास करोड़ों की चल-अचल संपत्ति
गांव में माधव ने करीब तीन करोड़ की चल-अचल संपत्ति बनायी है. 15 एकड़ में फॉर्म हाउस, 50 लाख रुपये की लागत से स्कूल का निर्माण, चार एकड़ जमीन की खरीदारी और चतरा रोड में मार्केट का निर्माण करा रहा है. ट्रक मालिक है और क्रशर का संचालक भी. इसके साथ ही जमशेदपुर में भी उसने अपने कई मकान खरीद रखे हैं.
मोबाइल उपयोग नहीं करता था
पुलिस सूत्रों के अनुसार माधव काफी शातिर अपराधी है. अपराधियों के पकड़े जाने में मोबाइल फोन की अहम भूमिका होती है. इसलिए वह मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करता था. वह जब भी किसी कांड को अंजाम देता था, उसकी जानकारी सिर्फ उस कार्य के लिए गठित टीम को ही होती थी. कांड का पूरा प्लान वह खुद तैयार करता था.
सोन अरेस्ट की प्रक्रिया आरम्भ: पुलिस आयुक्त
पुलिस आयुक्त लक्ष्मी नारायण मीना ने बताया कि रानीगंज कैनरा बैंक डकैती कांड में माधव को ट्रांजिट रिमांड पर लेने के लिए सोन अरेस्ट की प्रक्रिया आरम्भ की गयी है. इंडियन बैंक डकैती कांड का मामला सीआइडी के पास है.
इसलिए सीआईडी अपने स्तर से सोन अरेस्ट की अपील करेगी. सनद रहे कि बीते 23 फरवरी को रानीगंज के केनरा बैंक में डकेती कर 24 लाख रुपये की लूट की गयी थी, जबकि बीते चार जुलाई को आरकेमिशन आसनसोल में इंडियन बैंक की शाखा से 38 लाख रुपये की लूट की गयी थी.
गिरोह में विभिन्न जिलों के अपराधी शामिल
बैंक डकैती गिरोह के सरगना माधव का अपना अंतर्राज्यीय गैंग है. जो पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, उड़ीसा सहित विभिन्न राज्यों में डकैती को अंजाम देता है. 2005 में कुछ लोगों को लेकर माधव ने अपना गैंग बनाया था. उसके गिरोह में टेनी यादव (सिवान), अमित दास, विनय दास उर्फ अजय, उदय दास (छपरा) योगेन्द्र दास आदि शामिल हैं. उसका अपना गांव गया (बिहार) जिले के परैया थाना अंतर्गत पहाड़ा है. उसके पिता का नाम रघुनाथ रविदास है, जबकि ससुराल गया जिले के लंगुराही गांव में है.
गैंग का लकी डे है शुक्रवार
माधव गैंग की एक खासियत है. गैंग अधिसंख्य डकैती की घटनाओ को अंजाम शुक्रवार को ही देता है. शायद गैंग के लिए शुक्रवार शुभ दिन है. मिहिजाम बैंक डकैती शुक्रवार को और जामताड़ा जिले के कालाझरिया बैंक डकैती को भी शुक्रवार को ही अंजाम दिया गया था. इसी तरह आसपास के जिलों में भी कई बैंक डकैतियां शुक्रवार को ही की गई हैं.
डाका डालने टेम्पो से पहुंचता था पूरा गिरोह
कुख्यात माधव ने बिहार के साथ-साथ झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा आदि राज्यों में आतंक मचा रखा था. डकैती करने में यह और इसका गिरोह एक्सपर्ट है. नाटकीय और फिल्मी अंदाज में भी इसने कई वारदातें कीं. ओड़िशा के अंगल जिले में गांधी मार्ग में आंध्र बैंक के पास डकैती की वारदात कुछ इसी तरह की थी.
गत वर्ष अंजाम दी गई वारदात में यह अपने गिरोह को ऑटो में लेकर पहुंचा था. किसी को यह शंका भी नहीं थी कि ऑटो में डकैत हैं. वहां उसने तीन किलोग्राम सोना और 23 लाख की नकदी की लूट की थी. इसी प्रकार जून में राउरकेला में 44 लाख रुपये की डकैती कर ली थी. वर्ष 2016 में ओड़िशा में चार ऐसे कांड किए थे. इसने पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक 14 के करीब वारदातों को अंजाम दिया था. पुलिस इसका विस्तृत आपराधिक इतिहास खंगाल रही है.
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