कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस ने भाटपाड़ा विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के विधायक अजरुन सिंह पर लगाम लगाते हुए चेतावनी दी है कि वह अपनी जुबान बंद रखें. लेकिन श्री सिंह पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़े हुए हैं.
शुक्रवार को विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हुआ. श्री सिंह विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लिया व पार्टी विधायक दल की बैठक में भी शामिल हुए. पार्टी विधायक दल की बैठक में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के महासचिव मुकुल राय व संसदीय मंत्री पार्थ चटर्जी सहित आला मंत्री व विधायक उपस्थित थे. हालांकि बैठक में श्री सिंह के साथ पुलिस के र्दुव्यवहार का मुद्दा नहीं उठा, लेकिन विधानसभा में सिंचाई मंत्री राजीव बनर्जी के पक्ष में मुकुल राय के साथ मिलने श्री सिंह पहुंचे व दोनों में बातचीत हुई. श्री राय ने श्री सिंह की प्रशंसा करते हुए कहा कि श्री सिंह उस समय से विधायक हैं, जब तृणमूल के विधायकों की संख्या 30 थी और वह खुद विधानसभा चुनाव हार गये थे.
शुभेंदु अधिकारी विधानसभा चुनाव हार गये थे, लेकिन अजरुन सिंह विजयी हुए थे. उन्होंने अजरुन सिंह की शिकायत सुनी है. पार्टी सरकार को उनकी शिकायत से अवगत करायेगी, हालांकि श्री राय ने श्री सिंह की प्रशंसा की, लेकिन विधानसभा से जाते समय श्री राय ने श्री सिंह से साफ कहा कि वह अब मीडिया में बयानबाजी बंद करें.
दूसरी ओर, पार्टी के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि पार्टी अजरुन सिंह पर नजर रख रही है. उनसे पूरी घटना की लिखित जानकारी मांगी गयी है. दूसरी ओर, श्री सिंह ने सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक शोभनदेव चट्टोपाध्याय के माध्यम से मुख्यमंत्री को अपनी शिकायतें सौंपी है और विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी को पुलिस के र्दुव्यवहार की जानकारी देने गये, लेकिन उस समय अध्यक्ष अपने कक्ष में नहीं थे. श्री सिंह ने कहा कि वह सोमवार को अध्यक्ष को पूरी जानकारी देंगे. यह पूछे जाने पर क्या वह श्री राय के आश्वासन से संतुष्ट हैं. श्री सिंह ने कहा कि देखें क्या कार्रवाई होती है. उन्होंने साफ कहा कि वह पार्टी के खिलाफ कुछ नहीं कह रहे हैं, लेकिन पुलिस ने जो गलती की है. उन्हें जाने से मारने की कोशिश की. वही बात कह रहे हैं. यदि पुलिस उनके साथ इस तरह का व्यवहार कर रही है, तो आम लोगों के साथ कैसा व्यवहार करेगी. उन्होंने साफ कहा कि उक्त पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाये. उन्होंने हालांकि स्वीकार किया कि अभी तक कोई ऐसी कार्रवाई नहीं की गयी है, लेकिन वह इंतजार करेंगे. यदि कोई जवाब नहीं मिलता है, तो अदालत का दरवाजा खुला हुआ है. वह उस पुलिस अधिकारी को नहीं छोड़ेंगे.