सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी शहर से दुर्गा पूजा तक सभी सिटी ऑटो को हटा दिये जाने की घोषणा के बाद से सिटी ऑटो मालिकों में खलबली मच गई है और इनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. विभिन्न सिटी ऑटो मालिक संगठनों ने परिवहन विभाग के इस निर्णय का विरोध किया है और आंदोलन की धमकी दी है. सिलीगुड़ी शहर में करीब 12 सौ सिटी ऑटो हैं जो विभिन्न रूटों पर आवाजाही करते हैं. इनमें से कई सिटी आटो तो 15 वर्ष से अधिक पुराने हैं.
सिलीगुड़ी शहर को नया रंग-रूप देने तथा प्रदूषण को कम करने के लिए राज्य परिवहन विभाग ने सिटी आटो के स्थान पर मैक्सी कैब चलाने का निर्णय लिया है. दुर्गा पूजा तक सिटी ऑटो के तमाम रूटों पर मैक्सी कैब चलाने की योजना परिवहन विभाग की है. इस संबंध में राज्य परिवहन विभाग के बोर्ड की एक बैठक भी हुई है. इसी बैठक में सिटी ऑटो को हटाकर मैक्सी कैब चलाने का निर्णय लिया गया है. परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सिटी ऑटो से बड़े पैमाने पर प्रदूषण फैलने का खतरा है, क्योंकि सभी सिटी ऑटो काफी पुराने हैं.
दूसरी तरफ सिटी ऑटो मालिकों का कहना है कि सरकार से इस निर्णय से उनके समक्ष रोजी-रोटी का संकट पैदा हो जायेगा, क्योंकि तमाम शिक्षित बेरोजगारों ने रोजी-रोटी चलाने के लिए सिटी ऑटो चलाने का काम शुरू किया था. तत्कालीन सरकार ने शिक्षित बेरोजगारों को ही विभिन्न रूटों की परमिट दी थी. सिटी ऑटो मालिकों ने सिर्फ सिटी ऑटो द्वारा प्रदूषण फैलने की बात को बेबुनियाद करार देते हुए कहा कि तमाम सरकारी वाहनों से निकलते हुए धुएं के अंबार को देखा जा सकता है. सरकारी गाड़ियां ही सबसे अधिक प्रदूषण फैलाती हैं. इसके अलावा सिलीगुड़ी शहर में विभिन्न रूटों पर चलने वाली बसों की संख्या भी काफी है.
अधिकांश लोकल बस 15 से 20 साल पुरानी है, लेकिन इस दिशा में सरकार कोई कार्रवाई नहीं रही है. सिटी ऑटो मालिकों ने आगे कहा कि सरकार को पहले यह सोचना चाहिए कि जो सिटी ऑटो है, उसका वह क्या करेंगे. सरकार यदि इन्हीं सिटी आटो के बदले परमिट और मैक्सी कैब दे, तो समस्या नहीं होगी. लेकिन यदि फिर से परमिट लेने और मैक्सी कैब खरीदने के लिए कहा जाएगा तो सिटी ऑटो मालिक ऐसा नहीं कर पाएंगे. दूसरी तरफ परिवहन विभाग के बोर्ड के सदस्य तथा तृणमूल कांग्रेस नेता मदन भट्टाचार्य का कहना है कि सरकार के इस निर्णय से सिटी ऑटो मालिकों को परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है. जो भी मैक्सी कैब चलाये जाएंगे उसके परमिट वर्तमान सिटी ऑटो मालिकों को ही दिये जाएंगे.