कोलकाता: लोकसभा में 34 सदस्यों वाली तृणमूल कांग्रेस नरेन्द्र मोदी सरकार के कामकाज पर नजर रखेगी और यदि उसने लोगों के हित में काम नहीं किया तो पार्टी उसे इस बारे में अवगत करायेगी और फिर भी कुछ नहीं होने पर वह उस पर प्रहार करेगी.तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा : हम हमेशा से रचनात्मक रहे हैं, नकारात्मक नहीं.
यदि लोगों के हितों को नुकसान पहुंचा तो हम ‘प्रहार’ करेंगे. यदि हमने पाया कि यह (नरेंद्र मोदी सरकार) लोगों के भले के लिए काम कर रही है तो हम देखेंगे और विचार करेंगे. पार्टी की बंद कमरे में हुई बैठक के बाद ममता के करीबियों के अनुसार मुख्यमंत्री ने उस दौरान यह बात कही. ममता ने कहा : हम माकपा की तरह नहीं हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की आम चुनाव में प्रचार के दौरान मोदी के साथ कटु वाद विवाद हुआ था. उन्होंने 26 मई को राष्ट्रपति भवन में नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में पार्टी के महासचिव मुकुल राय एवं राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्र को भेजा था.
संप्रग द्वितीय सरकार से कोई राहत नहीं मिल पाने के बाद ममता ने पिछले हफ्ते यह उम्मीद जतायी थी कि केंद्र की भाजपा सरकार राज्य की भारी रिण भुगतान संकट के बारे में सकारात्मक रुख अपनायेगी. राज्य के ऋण की अदायगी में कुछ समय की रोक लगाने के मुद्दे पर संप्रग सरकार के साथ कई बैठकों के बावजूद तृणमूल सरकार कोई भी आश्वासन लेने में विफल रही थी.ममता ने भाजपा के सत्ता में आने के लिए कांग्रेस को दोष दिया.उन्होंने कहा : हमने जब सरकार छोड़ी तो कांग्रेस के बुरे दिन शुरु हो गये. उन्हें किसी (सहयोगी) पर भरोसा नहीं था और किसी को भी विश्वास में नहीं लिया जाता था.
उन्होंने खुदरा क्षेत्र में एफडीआई, रियायती रसोई गैस सिलेंडर की सीमा घटाने तथा पेट्रोल, डीजल एवं उर्वरक की कीमतों में वृद्धि जैसे जन विरोधी उपाय हमारी मुखालफत के बावजूद किये. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अच्छे कामकाज का इनाम लोगों ने दिया जिसके चलते पश्चिम बंगाल में पार्टी को 42 में से 34 सीटें मिली. ‘यह एक अनूठी उपलब्धि है.’ ममता ने यह भी आरोप लगाया कि लोकसभा चुनावों में कालेधन का इस्तेमाल किया गया और उससे मीडिया को अपने पक्ष में किया गया.