कोलकाता/ नयी दिल्ली: माकपा नेता सीताराम येचुरी ने गुरुवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के सत्तासीन होने के बाद जो प्रांरभिक संकेत आ रहे हैं उनसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के गहराने और उदारवादी आर्थिक नीतियों को लागू किये जाने की आशंका की पुष्टि होती है.
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जीतेंद्र सिंह द्वारा अनुच्छेद 370, नये मंत्री नजमा हेपतुल्ला और थावरचंद गहलोत द्वारा अल्पसंख्यकों पर बयानों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘मूल हिंदुत्व एजेंडा सरकारी नीति में इस तरह परिलक्षित हो रहा है.’
माकपा के मुखपत्र ‘पीपुल्स डेमोक्रेसी’ के आगामी अंक में अपने संपादकीय में उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को खत्म करना चुनाव के दौरान आरएसएस-भाजपा का असली एजेंडा था. उन्होंने दावा किया था कि वे वाजपेयी सरकार के दौरान बहुमत के अभाव में इस अनुच्छेद को समाप्त नहीं कर पाये. भाजपा के घोषणापत्र में भी कहा गया है कि पार्टी इस अनुच्छेद को खत्म करने के लिए कटिबद्ध है. यह देश के और देशवासियों के हित में नहीं है.
एकता के लिए हमें तैयार रहने की जरूरत
येचुरी ने कहा, ‘यह बड़ी चिंता की बात है कि आरएसएस-भाजपा का कोर एजेंडा भी देश के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को गहराने के सिलसिले में अपना कुरूप सिर उठा रहा है.’ उन्होंने हिंदुत्व संगठनों द्वारा प्रायोजित आतंकवादी हमलों की विभिन्न घटनाओं में आरोपी पाये गये व्यक्तियों में एक आरएसएस की राष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा के सदस्य इंद्रेश कुमार के इस बयान का भी हवाला दिया कि सीबीआइ, एनआइए और एटीएस द्वारा जांचे जा रहे ये मामले वापस लिए जायें. कहा, ‘वाकई, हमें अपने देश की एकता की रक्षा और अपने लोगों के जीवन स्तर में सुधार के लिए भविष्य में अपने आप को न केवल दोहरे हमले, बल्कि भीषण संघर्ष के लिए तैयार रखने की जरूरत है.’