हुगली: केंद्र में कांग्रेस की सरकार के वापस आने की कोई गुंजाइश नहीं है. कश्मीर से कन्याकुमारी तक यह तय हो चुका है. रही बात भाजपा की, तो कांग्रेस की नीति और उनकी नीति में कोई फर्क नहीं है. दोनों ने जनता और श्रमिकों के हितों की उपेक्षा की है. ये बातें माकपा की आला नेता वंृदा करात ने शनिवार को कहीं. वह हुगली के वैद्यबटी के बांधव समिति मैदान में आयोजित माकपा की सभा की संबोधित कर रही थीं. इस मौके पर सुनील सरकार, नरेन चटर्जी, श्यामल बाग समेत अन्य नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे.
वंृदा करात ने कहा कि दिल्ली की राजनीति में मजदूरों को स्थान न तो कांग्रेस ने दिया और न ही भाजपा ने. यही हाल तृणमूल सरकार का भी है. वैद्यबाटी चांपदानी विधानसभा क्षेत्र व श्रीरामपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. यहां हेवी इंजनीयरिंग का एक कारखाना व तीन जूट मिलें हैं, जो बदहाल स्थिति में हैं. सत्ता में आने के बाद तृणमूल सरकार ने जनता से सिंगूर में नैनो कारखाना छीना, जबकि उन्हें सारधा घोटाला दिया.
श्रीमती करात ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि उनका एक हाथ कार्पोरेट जगत का है और दूसरा आरएसएस का. सांप्रदायिकता को समर्थन करनेवाले दलों को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता है. यह देश के हित में नहीं है. उद्योगों का विकास जरूरी है, लेकिन गरीब, निम्न वर्ग के लोगों व श्रमिकों की उपेक्षा नहीं की जा सकती है. कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के शासनकाल में महंगाई, बेरोजगारी बढ़ी. किसान आत्महत्या को मजबूर हुए. ऐसा हाल बंगाल का भी है. केंद्र में नेता और नीति, दोनों के परिवर्तन की जरूरत है.