कोलकाता: प्रोफेसर सुगत बोस ने बुधवार को प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय के मेंटर ग्रुप के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है. तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी सुगत बोस ने कहा कि अमर्त्य सेन ने उन्हें सलाह दी है कि वह प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय के मेंटर ग्रुप के अध्यक्ष पद से जल्दीबाजी में इस्तीफा ना दें.
श्री बोस ने कहा कि मेंटर ग्रुप के सलाहकार अमर्त्य सेन ने उन्हें सलाह दी है कि वह जल्दीबाजी में कोई फैसला ना करें और सोच-समझ कर ही कदम उठायें. हार्वर्ड विश्वविद्यालय में ओसयनिक हिस्टरी एण्ड अफेयर्स के गार्डिनर प्रोफेसर बोस ने कहा कि उनके कार्यकाल में यहां कोई दिक्कत नहीं आयी. दूसरी ओर उनके अनुभवों और प्रतिभा का संस्थान को लाभ ही मिला है.
प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय के छात्र संघ, जो कि एक स्वतंत्र निकाय है, ने छात्रों के बीच जनमत संग्रह कराया था कि राजनीति में जाने के बाद श्री बोस को मेंटर ग्रुप का अध्यक्ष बने रहना चाहिए या नहीं. जनमत संग्रह में करीब 1,208 छात्रों ने बोस के इस्तीफे के पक्ष में मतदान किया जबकि महज 316 छात्र चाहते हैं कि वह अपने पद पर बने रहें. इसके परिणाम को मानना प्रशासन के लिए अनिवार्य नहीं है क्योंकि यह सिर्फ छात्रों की इच्छा का प्रदर्शन करती है.
गौरतलब है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के रिश्तेदार और हॉवर्ड विश्वविद्यालय के प्राध्यापक सुगत बसु को तृणमूल कांग्रेस ने यादवपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया गया है. सुगत बोस के लोकसभा चुनाव में जुड़ने पर छात्रों ने नाराजगी जतायी थी. उन्हें संस्थान से अलग होने के लिए परिसर में छात्र-छात्रओं ने जनमत संग्रह भी किया था. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विश्वविद्यालय से जुड़ कर वे किसी राजनीतिक दल या फिर राजनीतिक गतिविधियों में न शामिल हों. अगर वे लोकसभा चुनाव में उतरते हैं, तो उन्हें प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय के मेंटर ग्रुप के सचिव पद से इस्तीफा देना होगा. इस पर राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने उनकी मांगों को ठुकरा दिया था. इस पर सुगत बोस ने छात्रों का इस तरह के जवाब से हैरानी जतायी थी.