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कुणाल घोष को है गिरफ्तारी की आशंका

कोलकाता : सांसद कुणाल घोष को एक बार फिर गिरफ्तारी का डर सता रहा है. इस बार उनके खिलाफ प्रमोटर और पुलिस का नापाक गठबंधन काम कर रहा है, जिसका खुलासा करते हुए सांसद ने कहा कि नारकेलडांगा थाना के प्रभारी ने प्रमोटर के साथ मिल कर 17 साल पुराने एक दीवानी के मामले में […]

कोलकाता : सांसद कुणाल घोष को एक बार फिर गिरफ्तारी का डर सता रहा है. इस बार उनके खिलाफ प्रमोटर और पुलिस का नापाक गठबंधन काम कर रहा है, जिसका खुलासा करते हुए सांसद ने कहा कि नारकेलडांगा थाना के प्रभारी ने प्रमोटर के साथ मिल कर 17 साल पुराने एक दीवानी के मामले में अनावश्यक दखलंदाजी करते हुए फौजदारी का मामला बनाते हुए उनको आईपीसी की धारा 120 बी के तहत आरोपी बनाया है, जिसके आधार पर पुलिस कभी भी उनको गिरफ्तार कर सकती है.
उन्होंने कहा कि जब उनको झूठे आरोप में पकड़ कर जेल में बंद किया गया था तो उस वक्त नारकेलडांगा थाना का मौजूदा प्रभारी कोलकाता पुलिस के रिजर्व फोर्स में वनवास काट रहा था.
उस वक्त अदालत आने और जाने के दौरान उसके नेतृत्व में पुलिस की हुल्ला ब्रिगेड़ प्रिजन वैन का दरवाजा पीट पीट कर उनकी आवाज को दबाने का प्रयास करती थी. उस वक्त इसके चारणवृति से खुश होकर इसको नारकेलडांगा में पोस्टिंग दी गयी. अब वह एक बार फिर साजिश कर उनको गिरफ्तार करना चाहता है, ताकि उसके राजनीतिक आका खुश होकर उसको बेहतर पोस्टिग दें.
क्या है मामला
कुणाल बोस ने बताया कि उनके घर सुकिया स्ट्रीट के पास एक मकान में प्रमोटिंग हुई, उस वक्त उक्त मकान में दो किरायेदार रहते थे, जिसमें एक ने मकान मालिक से मकान खरीद कर वहां प्रमोटिंग करना शुरू कर दिया. उस वक्त दूसरे किरायेदार से नये मकान मालिक ने करार किया कि बिल्डिंग बन जाने के बाद उनको एक फ्लैट दिया जायेगा. मकान मालिक दो भाई थे.
करार के तहत मकान के दोनों हिस्सेदार भाइयों में से एक ने किरायेदार सुजीत कुमार चौधरी को उनका फ्लैट दे दिया, जिसका विरोध करते हुए दूसरे हिस्सेदार ने पुलिस की मदद से उसको निकालने की कोशिश की. जिस पर पूरे मुहल्ले के लोग एक हो गये और किरायेदार के पक्ष में खड़ा होकर दीवानी अदालत में मुकदमा कर दिया. उन्होंने ने भी किरायेदार से ज्यादती का विरोध किया था. वर्षों से यह मामला चल रहा है.
इस बीच मौजूदा थाना प्रभारी प्रमोटर के साथ मिल कर बुजुर्ग को घर से बेदखल करने में जुट गया है, जिसका विरोध उन्होने किया तो थाना प्रभारी ने प्रमोटर की ओर से एफआईआर दर्ज कर बुजुर्ग के साथ उनको लगातार परेशान कर रहा है. वह उनके खिलाफ षडयंत्र करते हुए उनको गिरफ्तार करने की कोशिश में है.
उन्होंने कहा कि इसके पहले भी जो पुलिस अधिकारी और प्रशासन के लोग साजिश करके झूठा मामला बनाये और तथ्यों को गायब किये हैं, उनके खिलाफ वो मामला किये हैं, वो तो कठघरे में खड़े हो ही रहे हैं. यह थाना प्रभारी भी होगा. वह उनको बख्शेंगे नहीं. भले ही अभी अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए व प्रमोटर से लाभ उठाते हुए थाना प्रभारी अपनी हेकड़ी दिखा ले, पर वक्त पर उनको बचाने के लिए उनके राजनीतिक आका नहीं आयेंगे.

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