इधर, मामले की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील अनिर्वान गुह ठाकुरता ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया है. विक्रम की अग्रिम जमानत का आवेदन हाइकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. 13 जुलाई को इसकी सुनवाई है.
इस कारण विक्रम को जमानत मिलनी चाहिए. सरकारी वकील सौरेन घोषाल ने बताया कि विक्रम गत 40 दिनों से पुलिस के साथ आंख-मिचौली खेल रहा है. अब तक जांच अधिकारी ने जितनी भी बार विक्रम से थाना में बयान लिया, हर बार विक्रम ने झूठ बोला है. इससे जांच भ्रमित हुई है. जितने गवाहों ने अदालत में अपना बयान दर्ज कराया है, सब विक्रम के बयान से अलग है.
साथ ही विक्रम पुलिस जांच से भागने की कोशिश कर रहा था. इस कारण उसे गिरफ्तार किया गया. उसके खिलाफ गैरइरादतन हत्या का मामला दर्ज है. उसकी गिरफ्तारी में कोई तरीके का इस्तेमाल नहीं किया गया. इसलिए पूछताछ के लिए विक्रम को पुलिस हिरासत में भेजा जाय. अदालत ने दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद आरोपी को 10 जुलाई तक पुलिस हिरासत में रखने का निर्देश दिया. ज्ञात हो कि लेक मॉल के पास कार दुर्घटना में सोनिका की मौत हो गयी थी. चालक की सीट पर विक्रम बैठा था. लापरवाही से कार चलाने के कारण सोनिका की मौत हुई थी. इस आरोप में विक्रम को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया.