लखनऊ : उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की अंदरुनी कलह अब खुलकर सामने आ गयी है. मंगलवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा और मंत्री शिवपाल यादव को सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने यूपी में सपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया. इस घोषणा के चंद घंटों बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव से प्रमुख मंत्रालय छीन लिये.
इसके बाद शिवपाल यादव मीडिया से बात करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के कामकाज से नाराजगी व्यक्त की और कहा, इस माहौल में सरकार के साथ काम करना काफी मुश्किल है. इधर आज अखिलेश यादव ने इशारों-इशारों में कहा कि सपा में अंदरुनी कलह के पीछे किसी बाहरी व्यक्ति का हस्तक्षेप है. अखिलेश के इस बयान को मीडिया में अमर सिंह के साथ जोड़कर देखा जा रहा है. संभावना व्यक्त की जा रही है कि अखिलेश ने अमर सिंह को ही बाहरी व्यक्ति बताया है.
अखिलेश ने पार्टी के अंदर कलह की खबरों को विराम लगाते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार का झगड़ा है, परिवार का नहीं. परिवार में सब नेताजी की बात मानते हैं. मैंने भी नेता जी की बात मानी. नेताजी की बात भला कौन नहीं मानेगा.’ उन्होंने कहा, ‘‘घर के बाहर के लोग हस्तक्षेप करेंगे तो पार्टी कैसे चलेगी. कुछ निर्णय जरुर मैंने लिये हैं. मैंने भी नेताजी की बात मानी है. कभी कभी कुछ निर्णय अपने आप लिये जाते हैं. नेताजी (मुलायम) के कहने से भी निर्णय लिये और कुछ (निर्णय) अपने आप भी लिये.’
इधर अखिलेश की इस टिप्पणी के बाद अमर सिंह का बयान मीडिया में आया. अमर सिंह ने कहा, अखिलेश मेरे बेटे की तरह है और उसने कभी भी मुझे बाहरी नहीं बताया. इस पर आप मुझे कितना भी उकसाएंगे, मैं कोई जवाब नहीं दूंगा. उन्होंने कहा, अखिलेश के साथ मेरा रिश्ता ऐसा है कि अगर वो मुझे मारेंगे तो भी मैं उनसे पूछुंगा कि बेटे तुम्हारे हाथ में चोट तो नहीं आयी.
अमर सिंह ने कहा, आप कुछ भी कहें यह मैं मानने को तैयार नहीं कि अखिलेश ने मेरे बारे में ऐसा कहा है. क्योंकि आजतक उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मेरे बारे में एक शब्द भी नहीं बोला है. अगर मुलायम सिंह मुझे दोषी कहते हैं तो मैं स्वीकार कर लूंगा. मैं कल उनसे मिला, मेरा उनके साथ भाईचारे वाला संबंध है.
ज्ञात हो सपा से लंबे समय तक बाहर रहने के बाद अमर सिंह हाल ही में सपा में वापसी की है और सपा के टिकट पर राज्यसभा पहुंचे. अमर सिंह से अखिलेश की तल्खी की भी खबरें मीडिया में आयी थी. खबर आयी थी कि अमर सिंह ने अखिलेश से मिलने का वक्त मांगा था, लेकिन अखिलेश ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया था. उन्होंने कहा था कि अगर वो केवल मिलते ही रहेंगे तो काम कब करेंगे.
गौरतलब हो कि कुछ दिनों पहले अमर सिंह ने दिल्ली में रात्रिभोज का आयोजन किया था, जिसमें सिंघल के अलावा शिवपाल यादव भी शामिल हुए थे. खुद अखिलेश इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे और वह इस बात से संभवत: सिंघल और शिवपाल से नाराज थे. हालांकि इस रात्रिभोज में सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव सहित कई वरिष्ठ पार्टी नेता शामिल हुए थे.