मुजफ्फरनगर:उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में स्थिति में सुधार को देखते हुए वहां तीन थाना क्षेत्रों में आज कर्फ्यू में चार घंटे की ढील दी गयी है. जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने आज यहां बताया कि मुजफ्फरनगर जिले के कर्फ्यूग्रस्त तीन थाना क्षेत्रों में हालात में सुधार के मद्देनजर आज दोपहर 12 बजे से चार बजे तक ढील दी गयी है. कल कर्फ्यू में दो घंटे की ढील दी गयी थी.
मुजफ्फरनगर में सात सितम्बर को एक महापंचायत के बाद भड़के दंगों के बाद जिले के तीन थाना क्षेत्रों नई मंडी, कोतवाली और सिविल लाइनस में कर्फ्यू लगा दिया गया था. मुजफ्फरनगर में भड़का साम्प्रदायिक दंगा आसपास के जिलों में भी फैल गया , जिसमें अब तक मुजफ्फरनगर में 34 तथा बागपत, सहारनपुर, शामली, हापुड़ में एक-एक तथा मेरठ में दो लोगों को मिलाकर 40 लोगों की मौत हो चुकी है.
दंगों के बाद मुजफ्फरनगर सहित पड़ोसी जिलों के बहुत से इलाकों में बड़ी संख्या में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गयी है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अब भी वहां जमे हुए हैं और स्थिति पर नजदीक से नजर रखी जा रही है. गृह विभाग के सूत्रों के अनुसार, दंगों के बाद से अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है और पांच लोगों के विरुद्ध रासुका लगा दिया गया है , जबकि कई अन्य के विरुद्ध रासुका की प्रक्रिया चल रही है.
प्रदेश सरकार ने दंगे की गंभीरता को देखते हुए इसके कारणों की जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति विष्णु सहाय की अध्यक्षता में एक सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है. आयोग से अपेक्षा की गई है कि वह 27 अगस्त को जिले के कवाल कस्बे में दोनों समुदायों के तीन युवकों के मारे जाने की घटना के बाद से नौ सितम्बर तक के घटनाक्रम की जांच तथा प्रशासनिक लापरवाही अथवा चूकों के बारे में दो महीने के भीतर रिपोर्ट दे देगा.
मुजफ्फरनगर हिंसा:मृतकों की संख्या 40 हुई
उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर और आसपास के क्षेत्रों में सांप्रदायिक संघषों में मरने वालों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 40 हो गई जबकि जिले के हिंसा प्रभावित तीन क्षेत्रों में कर्फ्यू में दो घंटे से अधिक की ढील दी गयी.
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि हिंसा की कोई ताजा वारदात सामने नहीं आने के बाद कोतवाली, सिविल लाइन्स और नाई मंडी थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू में अपराह्न 3:30 बजे से ढाई घंटे की ढील दी गयी. जिला प्रशासन ने दंगे भड़कने के बाद शनिवार को कफ्यरू लगा दिया गया था.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) अरुण कुमार ने कहा, ‘‘मुजफ्फरनगर में मृतक संख्या बढ़कर 34 हो गई है.’‘ उन्होंने कहा कि सकेदा में एक व्यक्ति की मौत हुई है. गृह सचिव कमल सक्सेना ने कहा कि मेरठ से दो लोगों की मौत जबकि हापुड़, बागपत, सहारनपुर और शामली से एक-एक व्यक्तियों के मौत की सूचना है. उन्होंने ‘‘स्थिति नियंत्रण में होने’‘ का दावा करते हुए कहा कि इन जिलों में 81 लोग घायल हुए हैं और 366 को गिरफ्तार किया गया है.अधिकारियों ने कहा कि कफ्यरू में कल चार घंटे की ढील दी जा सकती है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘राज्य सरकार उन लोगों के साथ सख्ती से निपटेगी जिन्होंने साम्प्रदायिक दरार पैदा करने तथा मुजफ्फरनगर और उत्तर प्रदेश में माहौल खराब करने का प्रयास किया है.’‘
मुख्यमंत्री ने घटनाक्रम का जायजा लेने के लिए लखनउ में राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा ‘‘हमारा यह प्रयास रहेगा कि साम्प्रदायिक सौहार्द मजबूत हो तथा जहां स्थिति नियंत्रण में की जा चुकी है वहां कोई नई घटना ना होने पाये.’‘ उन्होंने कहा ‘‘हमें जानकारी मिली है कि दंगे के कारण बहुत से लोग अपने-अपने गांव छोड़कर दूसरी जगह एकत्र हुए हैं. उन्हें वापस लाना है. मेरी अपील है कि भाईचारा बनाया जाए.’‘आगरा में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने राज्य सरकार का बचाव किया. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार ने हिंसा पर नियंत्रण पाने के लिए सब कुछ किया. इस पर दो दिन में काबू पा लिया गया. सुरक्षा बल समस्या से बहुत प्रभावी तरीके से निपटे.’‘ उन्होंने कहा, ‘‘यद्यपि जो कुछ हुआ वह जातीय संघर्ष का नतीजा है.’‘ सक्सेना ने कहा कि कफ्यरू अन्य क्षेत्रों में लागू रहा. सेना ने मुजफ्फरनगर, शामली और मेरठ के प्रभावित क्षेत्रों में गश्त की.
उन्होंने कहा कि निषेधाज्ञा कड़ाई से लागू की जा रही है और शरारती तत्वों पर पैनी नजर रखी जा रही है. उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों में साम्प्रदायिक हिंसा के बाद संवेदनशील बरेली जिले में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कहा, ‘‘यद्यपि राज्य में पूरी तरह से शांति है लेकिन इस आशंका के मद्देनजर कि असामाजिक तत्व माहौल को खराब करने का प्रयास कर सकते है, निषेधाज्ञा जारी की गई है तथा एहतियाती तौर पर सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं.’‘ जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि जोला, मनवाला, शिकारपुर, भुढाना और बासी कला के राहत शिविरों में पांच ट्रक आवश्यक सामग्री वितरित की गई.
दिल्ली में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नेघोषणा की कि मुजफ्फरनगर हिंसा में मारे गये लोगों के परिजनों को 2-2 लाख रपये और गंभीर रुप से घायलों को 50-50 हजार रपये का मुआवजा दिया जाएगा.प्रधानमंत्री ने सोमवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बात की थी और उन्हें हालात से निपटने में केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया था.
दबाव बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश से कांग्रेस नेता एवं केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री पद छोड़ देना चाहिए. कांग्रेस महासचिव मधुसूदन मिस्त्री ने कहा, ‘‘ऐसे मुख्यमंत्री या मंत्री को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है जो लोगों को सुरक्षा मुहैया नहीं करा सकते.’‘निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के मामले में भाजपा विधायक दल के नेता हुकुम सिंह, पार्टी विधायकों सुरेश राणा, भारतेंदु, संगीत सोम तथा पूर्व कांग्रेसी सांसद हरेंद्र मलिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं.
राज्य सरकार ने हिंसा के मामले में जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति विष्णु सहाय की अध्यक्षता में एक सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है जिसे दो महीने में रिपोर्ट देने को कहा गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से मुजफ्फरनगर के हालात पर हर 12 घंटे में रिपोर्ट देने को कहा है. जिले के ग्रामीण इलाकों में भी पर्याप्त बल तैनात करने के लिए कहा गया है जहां हिंसा पर अभी काबू करना बाकी है.
राज्य सरकार ने सहारनपुर के डीआईजी, मुजफ्फरनगर के एसएसपी और शामली के एसपी का तबादला कर दिया है. हिंसा प्रभावित मुजफ्फरनगर सहारनपुर रेंज में पड़ता है.