बुलंदशहर/लखनऊ : गोवंश की हत्या की कथित घटना के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश का बुलंदशहर सोमवार को जल उठा. इस हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत हो गयी. मामले को लेकर विपक्ष के नेताओं ने योगी सरकार पर हमला किया. समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने कहा है कि अगर यह वाकई गोकशी का मामला है तो पुलिस को जांच करनी चाहिए की कौन वहां गौमांस लेकर आया, इस इलाके में कोई अल्पसंख्यक भी नहीं है.
Sister of Policeman Subodh Singh:My brother was investigating Akhlaq case&that is why he was killed,its a conspiracy by Police.He should be declared martyr and memorial should be built. We do not want money. CM only keeps saying cow cow cow. #Bulandshahr pic.twitter.com/ohILXKCj3w
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 4, 2018
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि कैसे भीड़ अखलाक केस की जांच करने वाले पुलिस अधिकारी की हत्या कर सकती है? कौन इन्हें कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत देता है? इन मामलों पर ध्यान देने के बजाए, योगी तेलंगाना जाकर जहर उगल रहे हैं.
केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नक्वी ने मामले को लेकर कहा कि बुलंदशहर की घटना इंसानियत को शर्मसार करने वाली है. राज्य सरकार ने कहा है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाही की जाएगी और बिना किसी पक्षपात के न्याय किया जाएगा. मैं लोगों से अपील करता हूं कि उन लोगों से सावधान रहें जो अपने फायदे के लिए अशांति फैलाने का काम करते हैं.
उत्तर प्रदेश के मंत्री ओ पी राजभर ने कहा कि यह विश्व हिंदू परिषद, आरएसएस और बजरंग दल की पहले से ही रची गयी साजिश है. पुलिस अब कुछ बीजेपी के लोगों के नाम भी इसमें सामने ला रही है, मुस्लिमों के इत्जिमा कार्यक्रम के दौरान ही विरोध प्रदर्शन क्यों हुआ? यह शांति को प्रभावित करने का एक प्रयास था.
इधर, शहीद के परिवार को रो-रोकर बुरा हाल है. शहीद सुबोध सिंह के बेटे अभिषेक ने कहा कि मेरे पिता मुझे अच्छा नागरिक बनाना चाहते थे जो धर्म के नाम पर समाज में हिंसा न फैलाए, आज हिंदू-मुस्लिम के झगड़े में मेरे पिता ने अपनी गंवायी, कल किसके पिता की जान जाएगी? वहीं शहीद की बहन ने कहा है कि मेरे भाई अखलाक हत्या के मामले की जांच कर रहा था और इसी वजह से उनकी हत्या हुई है, यह पुलिस की साजिश है. उन्हें शहीद घोषित करना चाहिए और मेमोरियल बनाया जाना चाहिए, हमें पैसे नहीं चाहिए, सीएम केवल गाय, गाय गाय करते हैं.
केस दर्ज
मामले में दो एफआईआर पुलिस के द्वारा दर्ज किया गया है. पहली एफआईआर कथित गौमांस के खिलाफ की गयी है और दूसरी एफआईआर गौमांस के कारण फैली अफवाह पर की गयी है. 27 नामजद के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. वहीं 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है.
50 लाख मुआवजा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख जताते हुए मामले की जांच के आदेश दिये हैं. उन्होंने इंस्पेक्टर के परिवार को आर्थिक सहायता देने का एलान किया है. पत्नी को 40 लाख और माता-पिता को 10 लाख रुपये दिये जायेंगे. मामले की जांच एडीजी इंटेलीजेंस को सौंपते हुए 48 घंटे में रिपोर्ट देने को कहा है. मेरठ रेंज के महानिरीक्षक की अध्यक्षता में एसआइटी भी गठित की है. क्षेत्र में पीएसी व आरएएफ की 11 कंपनियां तैनात की गयी हैं. हिंसा में करीब चार सौ लोग शामिल थे.
गोवंश के अवशेष देख भड़के लोग, हाइवे जाम
दरअसल, बुलंदशहर के स्याना कोतवाली के गांव महाव में रविवार की देर रात ईख के खेत में 25-30 गोवंश कटे मिले. ग्रामीणों ने खेतों में जब गोवंश के अवशेषों को देखा, तो भड़क उठे. मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझाने का प्रयास किया, मगर गुस्साये लोग ट्रैक्टर-ट्रॉली में अवशेषों को भरकर पुलिस चौकी पहुंचे. विरोध में बुलंदशहर-गढ़मुक्तेश्वर स्टेट हाइवे को जाम कर दिया. इस दौरान बुलंदशहर में तब्लीगी इज्तमा से लौट रहे लोग सहित बड़ी संख्या में वाहन फंस गये.
जाम हटाने पर पथराव, आगजनी
इधर, पुलिस ने कहा कि एफआइआर दर्ज होने के बाद भी भीड़ ने जाम लगा दिया था. पुलिस द्वारा इसी जाम को हटाने के दौरान भीड़ उग्र हो उठी. पथराव शुरू कर दिया. बेकाबू भीड़ ने पुलिस के कई वाहन फूंक दिये. पुलिस चौकी में आग लगा दी. कुछ पुलिसकर्मियों को जलाने का भी प्रयास किया गया.