लखनऊ : उत्तर प्रदेश के फूलपुर संसदीय क्षेत्र में होने वाले चुनाव के पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के निष्कासित नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. मीडिया की खबरों में यह बताया जा रहा है कि सिद्दीकी दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी ज्वाइन करने के बाद अपने समर्थकों के साथ प्रदेश मुख्यालय पहुंचे. यहां पहुंचने के बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में सिद्दीकी का जोरदार स्वागत किया गया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं बिना पद के लालच के यहां काम करने आया हूं. पार्टी आलाकमान जो काम कहेगा, उसे वह बखूबी पूरा करेंगे.
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खबरों में यह भी बताया जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस के दफ्तर में उनका स्वागत करने के बाद नसीमुद्दीन सिद्दिकी मीडिया से रूबरू हुए. उन्होंने यहां मौजूद संवाददाताओं कहा कि कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है. उनसे जब यह सवाल पूछा गया कि वे कांग्रेस में किन शर्तों पर आये हैं, तो इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि न कोई पद, न कोई सीट और न कोई शर्त मैं यहां सिर्फ काम करने आया हूं. उन्होंने कहा कि पार्टी का आलाकमान उन्हें जिस तरह की जिम्मेदारी सौंपेगा, वे उसे पूरा करेंगे.
इस दौरान, उनसे जब बसपा छोड़ कांग्रेस का दामन थामने को लेकर हो रहे विरोध पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 10 करोड़ कार्यकर्ता हैं और उनमें से दो चार लोग विरोध करते हैं, तो उनको फर्क नहीं पड़ता. नसीमुद्दीन सिद्दिकी का बसपा को छोड़ कांग्रेस में आने को लेकर कांग्रेस के संगठन मंत्री संजय दीक्षित और सचिव अवधेश सिंह ने विरोध जाहिर किया है. बताया जा रहा है कि नसीमुद्दीन का कांग्रेस में आने के बाद बसपा के कुछ और पूर्व विधायक तथा सांसद भी कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं.