लखनऊ: हाल ही में लोकसभा एवं कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले जगदंबिका पाल ने विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के जाकिर हुसैन ट्रस्ट में पिछले दिनों हुए कथित अनियमितताओं के मामले को एक बार फिर उठाते हुए आरोप लगाया है कि वर्ष 2009-10 में उनके जिले सिद्धार्थ नगर में जाकिर हुसैन ट्रस्ट की तरफ से आयोजित किया गया कथित शिविर फर्जी था.
पार्टी छोड़ने पर खुर्शीद द्वारा उन्हें स्वार्थी कहे जाने से नाराज पाल ने सीधा हमला बोलते हुए आज यहां संवाददाताओं से कहा कि जाकिर हुसैन ट्रस्ट द्वारा 24 जनवरी 2010 को उनके जिले में शिविर आयोजित करके 24 विकलांगों को सहायता उपकरण वितरित किये जाने का दावा गलत है. वास्तव में वहां किसी शिविर का आयोजन ही नहीं किया गया.
पाल ने दावा किया कि उपकरण पाने वाले विकलांगों की सूची में दर्ज कई नाम ओर पते फर्जी हैं और उनमें से कुछ तो मुंबई में रहते हैं, जिनके परिवारों ने लिखित में दिया है कि उन्हें कोई उपकरण नहीं मिला.
यह कहते हुए कि संबंधित विकास खण्ड अधिकारी ने भी जाकिर हुसैन ट्रस्ट की तरफ से कोई शिविर आयोजित किये गये होने की जानकारी से इंकार किया है, पाल ने कहा कि ट्रस्ट की तरफ से 22 जिलों में वैसे ही शिविरों के आयोजन का दावा किया था और फर्जीवाड़े के विरद्ध प्रदर्शन भी हुए थे.
जगदंबिका पाल ने कहा कि वह इस मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से समुचित जांच कराने की मांग करेंगे और यदि जांच न हुई तो वह अदालत का भी दरवाजा खटखटा सकते हैं. इस मामले में केंद्र सरकार को भी जवाबदेह बताते हुए, उन्होंने कहा कि प्रश्न यह है कि अब तक इस फर्जीवाड़े के मामले में कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई.उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सत्ता शासन में पारदर्शिता लाने की कोशिश का जो दावा कर रहे हैं, खुर्शीद जैसे दागी मंत्रियों के रहते वह कैसे पूरा होगा.
कांग्रेस छोड़ने के बाद उनके भावी कदम के बारे में पूछे जाने पर पाल ने कहा कि एक दो दिन में सब सामने आ जायेगा.भाजपा के साथ संपर्क में बताये जा रहे पाल से जब यह पूछा गया कि क्या वे नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिये उपयुक्त मानते हैं, उन्होंने कहा कि इस बात का फैसला देश की जनता करेगी. यह कहते हुए कि राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता, पाल ने बताया कि वह डुमरियागंज लोकसभा सीट से पुन: चुनाव लड़ेंगे.