मुजफ्फरनगर : मुजफ्फरनगर दंगों की जांच कर रहे विशेष जांच दल के आरोपपत्र में बसपा सांसद कादिर राणा, पार्टी दो विधायकों और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के पूर्व मंत्री सईद-उज- जमा सहित 10 लोगों के नाम शामिल हैं.
इन लोगों पर मुस्लिम सामुदायिक पंचायत के दौरान भड़काऊ भाषण दे कर सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने का आरोप है. सूत्रों ने बताया कि यह आरोपपत्र विशेष जांच दल ने कल मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नरेंद्र कुमार की अदालत में दाखिल किया. आरोपपत्र जिले कवाल गांव में तनाव फैलने के बाद लागू की गई निषेधाज्ञा के बावजूद 30 अगस्त 2013 को शहर के खालापार इलाके में आरोपियों द्वारा कथितभड़काऊभाषण देने के सिलसिले में दाखिल किया गया है.
उन्होंने बताया कि राणा के अलावा आरोपपत्र में चरतावल से बसपा के विधायक नूर सलीम राणा, मीरनपुर से पार्टी के विधायक मौलाना जमील, कांग्रेस नेता सईद-उज-जमा, उनके पुत्र सलमान सईद, शहर इकाई के बोर्ड सदस्य असद जमा अंसारी, पूर्व सदस्य नौशाद कुरैशी, व्यापारी अहसान कुरैशी, सुल्तान मुशीर और नौशाद के नाम हैं. इन लोगों पर निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने औरभड़काऊभाषण दे कर सांप्रदायिक तनाव को उकसाने का आरोप है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने जनवरी में दंगों के सिलसिले में मुस्लिम नेताओं के खिलाफ मामले वापस लेने की कोशिश की थी जबकि कानून मंत्रालय ने जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी थी.समझा जाता है कि मंत्रालय राज्य सरकार के इस कदम के पक्ष में नहीं था. राणा ने राष्ट्रीय लोकदल में शामिल होने के लिए वर्ष 2007 में समाजवादी पार्टी छोड़ दी थी. वर्ष 2009 में वह बसपा में शामिल हो गये थे.