।।राजेन्द्र कुमार।।
लखनऊः सूबे की सियासत में अब सादगी का प्रभाव दिखाने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने सुरक्षा काफिले का तामझाम कम कर दिया है. अब मुख्यमंत्री के सुरक्षा काफिले में दस कारों के बजाए मात्र चार लालबत्ती के वाहन ही चलेंगे. मुख्यमंत्री के यूपी के किसी जिले में पहुंचने पर उनके सुरक्षा काफिले के लिए ट्रैफिक भी नहीं रोका जाएगा. अखिलेश सरकार के इस फैसले को आम आदमी पार्टी के इफेक्ट का परिणाम बताया जा रहा है. इसी इफेक्ट के तहत राजस्थान की मुख्यमंत्री बसुंधरा राजे ने कुछ दिनों पूर्व अपने सुरक्षा काफिले की संख्या में कमी करने और सरकारी आवास ना लेने की घोषणा की थी.
यूं तो यूपी की सत्ता पर काबिज होने के तत्काल बाद ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जनता में सपा सरकार के सादगी पूर्ण व्यवहार का संदेश देने की खातिर अपने सुरक्षा काफिले के वाहनों में कमी करते हुए कालीदास मार्ग स्थिति कालीदास मार्ग को आमजन के लिए खुलवाने का निर्णय लिया था. मुख्यमंत्री मायावती के शासनकाल में सुरक्षा के नाम पर इस मार्ग पर आम लोगों के आवागमन पर रोक लगा दी गई थी. इसके अलावा अखिलेश यादव ने बसपा सरकार में जनता की शिकायतों को सुनने के लिए बंद हुए जनता दरबार को भी फिर से शुरू किया था. मुख्यमंत्री के इस फैसले के तहत मुख्यमंत्री आवास और सपा मुख्यालय में माह में एक बार जनता दरबार में जनता की शिकायतों को सुना जाने लगा.
कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इन निर्णयों की दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर घोर अनदेखी मीडिया के एक वर्ग ने की. इस वर्ग ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के सुरक्षा ना लेने को जोरशोर से प्रचारित किया. जबकि यूपी में तो पहले ही अखिलेश यादव ने अपने सुरक्षा काफिल में कटौती कर दी थी. जिसमें शनिवार को उन्होंने ने और कमी कर दी. जिसके तहत अब अखिलेश यादव के सुरक्षा काफिले में चार गाडि़यां ही चलेंगी. हालांकि मायावती के शासनकाल में इन वाहनों की संख्या 15 थी और मायावती के घर से निकले के पहले सड़क पर पानी का छिड़काव किया था. अखिलेश यादव ने सूबे की सत्ता संभालने के तत्काल बाद सीएम के घर से निकलने पर सड़क पर पानी का छिड़काव बंद करने और अपने सुरक्षा काफिले के वाहनों की संख्या दस करने का निर्णय लिया था. शनिवार को मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए निर्णय पर तत्काल अमल भी शुरू हो गया है. जिसके चलते शनिवार की दोपहर जब मुख्यमंत्री का काफिला एयरपोर्ट से मुख्यमंत्री आवास की ओर निकला तो उसमें सिर्फ चार गाड़ियां थी. यातायात भी नहीं रोका गया है. अलबत्ता, चौराहों पर तैनात पुलिस के जवान जरूर सतर्क थे. रविवार की सुबह जब मुख्यमंत्री इटावा जाने के लिए अपने घर से एयरपोर्ट गए तो लोगों ने उनके काफिले में मात्र चार वाहन ही देखे. यातायात पुलिस के अफसरों का कहना है कि मुख्यमंत्री का निर्देश है कि उनके काफिले को लेकर कहीं भी अनावश्यक रूप से यातायात को नहीं रोका जाए.
आम आदमी पार्टी का इफेक्ट नहीं
मुख्यमंत्री के इस निर्णय को लेकर सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी आम आदमी पार्टी का इफेक्ट नहीं मानते. वह कहते हैं कि प्रदेश की सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कालिदास मार्ग का रास्ता आम जनता के लिए खोलकर लोकतंत्र बहाल किया थी. सुरक्षा काफिले में भी उन्होंने कटौती कर वीआईपी के निकलने के दौरान यातायात नहीं रोकने के निर्देश जारी किए थे. अखिलेश यादव के ये निर्णय उनकी सादगी का प्रतीक हैं और दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के काफी पहले अखिलेश यादव ने इसे यूपी में लागू कराया था. यूपी के सूचना निदेशक प्रभात मित्तल भी कहते हैं कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सादगी पसंद हैं और उन्होंने पहले ही सामान्य आवागमन के दौरान अनावश्यक रूप से यातायात नहीं रोकने के निर्देश दे रखे हैं.